मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
भोपाल विदिशा हाईवे 18 पर स्थित बालमपुर घाटी पर एक मिनी ट्रक घाटी उतरते समय खाई तरफ़ अनियंत्रित होते हुए मिट्टी में फंस कर रह गया। गनीमत रही की मिनी ट्रक ने खाई तरफ पलटी नहीं खाई नहीं तो आज फिर एक बड़ी दुर्घटना हो जाती। जबकि मिनी ट्रक खाई तरफ काफी झुक गया था आज सुबह जेसीबी की सहायता से मिनी ट्रक को सीधा खड़ा किया। इसके बाद दूसरे वाहन में उसमें भरे हुए सामान को खाली किया गया। तब जाकर मिनी ट्रक को बामुश्किल जेसीबी की सहायता से सीधा खड़ा कर मिट्टी से बाहर निकाला गया।
बता दें कि भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी द्वारा बालमपुर घाटी पर बने हुए रोड को कुछ महीने पहले चौड़ा कर दिया था ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगे और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके।इसके लिए सड़क के गहरी खाई साइट वाले हिस्से पर लोहे की रेलिंग लगाई गई थी ताकि रात के समय वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले से मिल सके। इसके बावजूद भी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। घाटी पर बने रोड के दोनों तरफ खाई में अभी तक कई ट्रक, ट्राले माल से भरे हुए गिर चुके हैं इस गहरी खाई में जो भी ट्राले अभी तक गिरे उनके परखच्चे उड़ चूके है।
इससे पूर्व में कई हादसे बालमपुर घाटी पर हो चुके हैं बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। ट्रक पर अधिक लोड होने के कारण ट्रक या तो पीछे रिवर्स होकर खाई में गिरता है या उतरते समय सीधा खाई में चला जाता है इतने ज्यादा हादसा होने के बाद भी इस रोड का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है साल भर के 365 दिन में से 150 दिन बालमपुर घाटी पर दुर्घटना होती रहती है कई लोगों ने इस घाटी पर अपनी जान भी गवा चुके हैं इन हादसों के कारण हमेशा बालमपुर घाटी पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम के कारण भोपाल विदिशा हाईवे पर चलने वाले राहगीर हमेशा परेशान होते रहते हैं।
इनका कहना हे-
मैं रोज भोपाल आता जाता हूं मेरा काम फूलों का है जब भी सुबह बालमपुर जाता हूं एक ना एक वहान बालमपुर की घाटी पर खड़ा मिलता है। चढ़ते और उतरते समय हमेशा डर लगता है कहीं दूसरा वाहन आगे पीछे से टक्कर ना मार दे क्योंकि एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ 15 फीट गहरी खाई है।
पवन प्रजापति कुलहड़िया
बालमपुर घाटी से लेकर त्रिमूर्ति चौराहा सलामतपुर तक ज्यादा हादसे होते हैं। अभी 6 महीने में ही 50 से ज्यादा दुर्घटना हो चुकी है एमपी आरडीसी को रोड को फोर लाइन में बदलना चाहिए ताकि हादसों में कमी आ सके।
सुरेंद्र नायक दीवानगंज