मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सांची ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नरखेड़ा के गांव खेड़ा के ग्रामीण कई वर्षों से सड़क नहीं बनने के कारण परेशान हो रहे है ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम पंचायत और सांची ब्लॉक में इस सड़क को बनाने के लिए आला अधिकारियों को आवेदन कर चुके हैं सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा चुके हैं इसके बाद भी कोई भी अधिकारी खेड़ा गांव की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है बारिश के समय खेड़ा गांव के लोगों का सड़क मार्ग तक आना नामुमकिन हो जाता है यह लोग 4 महीने का राशन बारिश के पहले ही लेकर अपने घरों में रख लेते हैं क्योंकि बारिश हो जाने के कारण यह लोग सड़क तक भी नहीं पहुंच पाते है।
जबकि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना और मुख्यमंत्री सड़क योजना चालू है इसके बावजूद भी 3 किलोमीटर की सड़क नहीं बनाई जा रही है अगर किसी महिला की डिलीवरी होना हो या किसी को कोई बीमारी हो जाए तो अस्पताल तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है बीमार व्यक्ति या डिलीवरी वाली महिला बैलगाड़ी से लाया और ले जाया जाता है क्योंकि इस मार्ग पर मोटरसाइकिल या फोर व्हीलर गाड़ी नहीं चल सकती।
आज के समय में खेड़ा गांव की सड़क ना बनना सोच से परे है जबकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री हर गांव को हाईवे से जोड़ने का प्रयत्न कर रहे हैं दूसरी ओर कहीं गांव आज भी सड़क के लिए तरस रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि कई बार विधायक और सरपंच वादा करते हैं और चुनाव होने के बाद इस गांव की तरफ ध्यान नहीं देते पंचायतों में भी कई बार सरपंच चुने गए मगर किसी भी सरपंच ने इस गांव तरफ ध्यान नहीं दिया जिस कारण खेड़ा गांव आज भी सड़क के लिए तरस रहा है पंचायत द्वारा 3 साल पहले नदी पर पुलिया का निर्माण किया गया था बारिश में पुलिया से मिट्टी कट जाने के कारण अब पैदल भी चलना नामुमकिन हो गया है कई किसानों की जमीन नदी के उस पार पड़ती है पुलिया की मिट्टी बह जाने के कारण ट्रैक्टर ट्राली भी नहीं जा पा रही है कुछ बच्चे इसी मार्ग से होते हुए दीवानगंज हाई सेकेंडरी स्कूल, बेरखेड़ी चौराहा के स्कूल, सलामतपुर स्कूल तक जाते हैं क्योंकि खेड़ा में पांचवी तक ही स्कूल है इसके बाद आगे पढ़ने के लिए बच्चों को दूसरे गांव जाना पड़ता है पुलिया की मिट्टी वह जाने के कारण बच्चे अब स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं नदी पर मिट्टी कट जाने के कारण बच्चों और ग्रामीणों को नदी के अंदर उतरकर जाना पड़ रहा है पढ़ने वाले बच्चे और ग्रामीण आने जाने के लिए वह रहे पानी में से होकर जाना पड़ता है ऐसे में अगर नदी का भाव ज्यादा आ जाए तो अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता.
इनका कहना हे-
पुलिया में जब पानी होता है तो बच्चों को डर लगता है कई बार हम स्कूल जाते समय गिरकर घायल भी हो चुके हैं बारिश के मौसम में तो हम लोग स्कूल बड़ी मुश्किल से जा पाते है पुलिया के पास की मिट्टी वह गई हैं अब हम स्कूल नहीं जा पा रहे हैं
–नितेश लोधी, आर्यन लोधी, हेमंत लोधी ,उदय भान सिंह,राघवेंद्र ,आर्यन ,आदित्य, करन ,हेमंत, रुपेश ,शुभमस्कूल जाने वाले बच्चे
जब हम स्कूल जाते हैं तो पूलिया में पानी ज्यादा आ जाने के कारण कभी-कभी स्कूल नहीं जा पाते हैं। कभी-कभी स्कूल से हम वापस लौटते हैं तो पुलिया में पानी वहाब ज्यादा आ जाने के कारण घर नहीं पहुंच पाते है।
–मीनाक्षी लोधी, पूनम लोधी, नव्या लोधी स्कूल जाने वाली छात्राएं
पिछले साल मैंने अपने खर्चे से पुलिया के दोनों तरफ मिटटी डलवा कर मार्ग चालू करवा दिया था इस बार फिर पानी में मिट्टी वह गई। प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे पैसे मंजूर हो जाएंगे तो पुलिया का निर्माण कराया जाएगा
–रामदयाल लोधी सरपंच ग्राम पंचायत नरखेड़ा