मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, और इस हार के बाद से पिता और बेटे यानी कमलनाथ और नकुलनाथ दोनों ही छिंदवाड़ा में दिखाई नहीं दिए. नतीजों के बाद से ही दोनों ही अब तक छिंदवाड़ा नहीं पहुंचे.
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी धीरन शाह इनवती आज गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं. इस नामांकन रैली में भी कमलनाथ और नकुलनाथ दोनों शामिल नहीं हो रहे हैं. हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहेंगे.
कमलनाथ के करीबी कमलेश से मुकाबला
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी कहे जाने वाले विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च को ही इस्तीफा दिया और पार्टी छोड़कर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. कमलेश शाह अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व अमरवाड़ा सीट पर बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बनाए गए हैं.
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने अपने दबदबे वाले छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव के लिए धीरन शाह इनवती को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इनवती का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार और 3 बार के विधायक कमलेश शाह से होगा. कमलेश शाह कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
13 जुलाई को आएगा फैसला
अमरवाड़ा सीट समेत देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 जून है, जबकि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख 26 जून है. 13 जुलाई को वोटों की गिनती की जाएगी.
कमलेश शाह के पार्टी बदलने और विधायकी से इस्तीफा देने के कारण यह उपचुनाव जरूरी हो गया था. शाह ने 2 दिन पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव और बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी. शर्मा की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. अमरवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है.
अमरवाड़ा से 2 बार ही जीती BJP
हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया था. इसमें नाथ का गढ़ कहा जाने वाला छिंदवाड़ा सीट भी भी शामिल है. छिंदवाड़ा एकमात्र संसदीय सीट है जिसे बीजेपी 2019 के चुनाव में नहीं जीत सकी थी.
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर कमलेश शाह ने नवंबर 2023 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार जीत हासिल की थी. ऐसे में उन पर इस सीट को बचाने की चुनौती है. साल 1972 के बाद बीजेपी ने अमरवाड़ा सीट महज 2 बार (1990 और 2008) ही जीत सकी है, जबकि कांग्रेस ने 9 बार यहां से जीत हासिल की है. इसके अलावा आदिवासी संगठन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने 2003 के चुनाव में यहां से विजयी हुआ था.