जबलपुर : मप्र हाई कोर्ट ने एएनएम पद पर होने वाली सभी भर्तियों को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। भर्ती नियमों को चुनौती देने के मामले में न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं, कर्मचारी चयन मंडल, मिशन डायरेक्टर आरसीएच-आरएचएम के अलावा छतरपुर, दमोह व रायसेन के कलेक्टर और सीएमएचओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता टीकमगढ़ निवासी रोशनी देवी व अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रसन्नजीत चटर्जी और सुनंदा केसरवानी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं के पास एएनएम का 18 माह का प्रशिक्षण है। अब सरकार इस पद पर उन्हीं को भर्ती कर रही है, जिन्होंने 24 माह की ट्रेनिंग की है। वर्ग का भी वर्गीकरण किया जा रहा है। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट ने रेलवे में सीसीटीसी (कमर्शियल- कम-टिकट क्लर्क) की भर्ती प्रक्रिया को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, कैट में लंबित याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने रेलवे कर्मियों की याचिका पर उक्त आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी आत्माराम द्विवेदी सहित चार अन्य रेल कर्मियों की ओर से अधिवक्ता गौरव शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक वेस्टर्न सेंट्रल भोपाल में पार्सल पोर्टर के पद पर कार्यरत हैं। डीआरएम भोपाल ने 22 सितंबर, 2022 को सीसीटीसी के पद को 33.33 प्रतिशत विभागीय कोटा के कमर्शियल विभाग के कर्मियों से भरे जाने का नोटिफिकेशन निकला था।
दलील दी गई कि उक्त पद के लिए पाइंट्समैन पात्र नहीं हैं, फिर भी उन्हें गलत तरीके से परीक्षा में शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत पाइंट्समैन ने ही परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इससे याचिकाकर्ताओं का हक मारा जाएगा। हाई कोर्ट से पहले कैट में याचिका दायर की थी। वहां स्थगन न मिलने से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।