सुरेन्द्र जैन धरसीवा रायपुर
संसार को जियो ओर जीने दो का शुभ सन्देश देने वाले सत्य अहिंसा दया करुणा के सागर अंतिम केवली भगवान महावीर स्वामी का 2623 वां जन्म कल्याणक चैत्र शुक्ल त्रियोदशी को प्रदेशभर के साथ ही धरसीवा तिल्दा नेवरा व सिमगा में भी भक्ति भाव के साथ मनाया गया ।
भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के शुभ अवसर पर समाज के लोग प्रातः काल शुद्ध केशरिया धोती दुपट्टा में मन्दिर जी पहुचे जहां भगवान की जिन प्रतिमाओं का प्रक्षाल व भक्ति भाव के साथ जन्माभिषेक व शांतिधारा हुईं ततपश्चात सामूहिक पुजन हुई
जैन समाज के लोगो ने भगवान महावीर स्वामी की जिन प्रतिमा को विमान में विराजित कर नँगे पैर शुद्ध धोती दुपट्टा में ही विमान जी के साथ नगर में विमान शोभायात्रा निकाली इस दौरान भगवान महावीर के जियो ओर जीने दो के शुभ सन्देश को जन जन तक पहचाने समाज ने भक्ति भाव के साथ इसे गुंजायमान किया
क्षेत्र के तिल्दा नेवरा सिमगा के साथ ही सांकरा स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर जी में भी समाज ने भक्ति भाव से महावीर जन्म कल्याणक मनाया ओर जन्माभिषेक किया इस दौरान जीवन मे नियम संयम को धारण करने वाले समाधिस्थ पूज्य अचार्यश्री विद्यासागरजी व पूज्य निर्यापक मुनिश्री सुधासागर जी के परम भक्त आशीष गुलाबचंद जैन गीदम वाले खेमचंद जैन सुनील जैन बेगमगंज वाले नीलेश जैन हरशू जैन प्रिंस जैन राजू जैन आजाद जैन गब्बू जैन गोलू जैन डीसी जैन अनुभव जैन अमित जैन भानु जैन शुभम जैन पदमचंद जैन एवं समाज के सभी महिलाएं मुख्य रूप से सामिल हुई।
चांदी की पांडुक शिला
पांडुक शिला पर भगवान का अभिषेक होता है यदि पांडुकशिला चांदी की हो तो ओर भी बेहतर होता है महावीर जन्मकल्याणक पर बोलियों से हुई आय से जैंसे ही एक भक्त ने यह बात रखी कि क्यों न आज की बोलियों की आय से चांदी की पांडुकशिला बनवाई जाए तो बोलियों की राशि बढ़ने लगी मन्दिर जी मे स्वर्ण या चांदी की पांडुक शिला पर भगवान का नित्य अभिषेक हो इससे बड़ी कोई बात नहीं समाज के अध्यक्ष व संरक्षक चुकी बाहर होने से महावीर जन्म कल्याणक में इस बार मौजूद नहीं थे उनकी सहमति हुईं तो जल्द ही सांकरा जैन मंदिर में चांदी की पाण्डुक शिला भी आ जायेगी।