– सरकारी योजनाओं का नही मिल रहा लाभ
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
जनकल्याणकारी योजनाएं हजारों की संख्या में बन रही हैं। और क्रियान्वित हो रही है लाभ भी लोग उठा रहे हैं। बावजूद इसके इस मंहगाई के बोझ तले मध्यम वर्गीय परिवारों को पिसना पड़ रहा है। इन परिवारों के लिए सरकारों के पास कोई योजना नहीं है। जिसका सीधा खामियाजा मध्यमवर्गीय परिवारों को भोगने पर मजबूर होना पड़ रहा है ।जानकारी के अनुसार लगातार बढ़ती मंहगाई के बोझ से मध्यम वर्गीय परिवार खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं। जिन्हें न तो मंहगाई से राहत मिल पा रही है न ही शासन की योजनाएं इनके काम आ पा रही है। रोजगार भी मुहैया नही हो पा रहे हैं। हालांकि इस मंहगाई से अमीर आदमी खुश हैं जिसे न तो सरकार की मदद की जरूरत है न ही शासन की योजनाओं से ही कोई सरोकार रहा है। जबकि गरीब के लिए शासन जहां योजना चलाकर उन्हें सुविधा उपलब्ध करा रही है। बल्कि राशन भी मुफ्त मुहैया कराया जा रहा है। जिससे गरीब खुश नजर आता है। जबकि मध्यम वर्गीय परिवारों को न तो सरकार योजना लागू कर पा रही है। न ही सुविधाए मुहैया कराई जा रही है। जिससे उसके सामने आगे कुआं पीछे खाई वाली कहावत लागू हो रही है। और मंहगाई के बोझ तले दबा जा रहा है। इस वर्ग के सामने रोजगार की समस्या मुंह बाए खड़ी दिखाई दे रही है। गुज़र बसर करना मुश्किल हो रहा है। यहां तक कि इस वर्ग के लोगों के सामने पेट भरने की समस्या ने जबरदस्त मुश्किल खड़ी कर दी है। सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं। तो दाल, तेल सहित खाद्य पदार्थ इस वर्ग की पहुंच से बाहर निकल चुके हैं। इस पर इस वर्ग के परिजनों की रसोई भी पूरी तरह खाली हो चुकी है। आए दिन बढ़ते रसोई गैस के दाम तथा खाद्य पदार्थ आसमान छूती मंहगाई के साथ ही सब्जी भी रसोई के बाहर ही होकर रह गई है। इसके बाद इस परिवार पर डीजल पेट्रोल का भी सीधा असर पड़ता दिखाई देने लगा है। आखिर मध्यम वर्गीय परिवारों को कोई आसरा दिखाई नहीं दे रहा है। इस बढ़ती मंहगाई पर सरकार का अंकुश खत्म होता दिखाई दे रहा है। क्योंकि न ही सरकार के संबंधित विभाग इस मंहगाई को रोकने कोई कदम उठा पा रहे हैं। जिसका सीधा खामियाजा मध्यमवर्गीय लोगों को उठाना पड़ रहा है।