धार। धार की ऐतिहासिक भोजशाला में आज मंगलवार को सत्याग्रह का दिन है। इसके तहत हनुमान चालीसा और अन्य पाठ किए गए। हिंदू समाज को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा मंगलवार को पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई है। सुरक्षा जांच के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भोजशाला में पहुंचे ।
पूजा के बाद बाहर आए श्रद्धालुओं ने कहा कि सर्वे के फैसले से हिंदू समाज खुश है। यहां सत्याग्रह 1952 से लगातार चल रहा है। हनुमान चालीसा के बाद आरती और पूजा संपन्न हुई। श्रद्धालुओं ने कहा कि निर्देश के अनुसार उन्होंने 11 बजे भोजशाला परिसर खाली कर दिया है।
श्रद्धालुओं ने कहा कि जो अयोध्या में हुआ। मथुरा और काशी में हुआ है। सर्वे के बाद ऐसा ही फैसला धार भोजशाला को लेकर होगा।
आज मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक पूजा जारी रहेगी। सबसे अहम बात यह है कि इस मौके पर सर्वे कार्य भी जारी रहेगा। चार दिन का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है।
पांचवें दिन के सर्वे कार्य के लिए मंगलवार सुबह दल भोजशाला पहुंचा। इस तरह से माना जा रहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इमारत के पिछले भाग में आज दिनभर सर्वे करेगी ताकि किसी भी तरह से हिंदू समाज के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
दोनों ही पक्ष की मौजूदगी में मंगलवार को यह सर्वे भीतरी परिसर में करवा पाना संभव नहीं है। इसलिए बाहरी परिसर में ही यह सर्वे करवाया जाएगा।
धार की ऐतिहासिक भोजशाला में कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच में सत्याग्रह हुआ है। प्रत्येक श्रद्धालुओं की चेकिंग की गई है और मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सर्वे भी शुरू हो चुका है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम भोजशाला के पिछले हिस्से में यह सर्वे कार्य कर रही है।
यहां आने वाले श्रद्धालु किसी भी तरह के सर्वे की प्रक्रिया को देख नहीं सकें इसके लिए बड़े-बड़े पर्दे लगा दिए गए हैं। साथी मुख्य द्वार से केवल भीतर प्रवेश कर सकते हैं। अन्य स्थानों पर जाने पर रोक लगा दी गई है। चार स्थानों पर उत्खनन का कार्य जारी है। संभावना है कि इसमें हिंदू प्रतीक चिह्न मिल सकते हैं, इसी के मद्देनजर यह उत्खनन विशेष माना जा रहा है।