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महाशिवरात्रि पर दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजे शिव-पार्वती

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इंदौर। शहरभर में शिव आराधना के महापर्व महाशिवरात्रि का उल्लास ग्रहों की विशेष युति के साथ शिव और सर्वार्थसिद्धि योग में शुक्रवार को छाया। शहर के प्राचीन मंदिर में जहां महादेव का मनोहारी शृंगार हुआ तो कालोनियों और टाउनशिप में भी शिव-पार्वती विवाह का उल्लास देखते ही बन रहा था। इस अवसर पर देवगुराड़िया स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने सुबह ब्रह्म मुहूर्त से रातभर कतार में लगकर दर्शन किए।

शिवधाम में विवाह मंडप सजाकर शिव-पार्वती का दूल्हा-दुल्हन बनाकर शृंगार किया गया। गोपेश्वर महादेव मंदिर में भांग और सूखे मेवे से अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया। साथ ही इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से भोले भंडारी की बरात निकाली गई। जगह-जगह फरियाली प्रसाद का वितरण किया गया।

देवगुराड़िया में उमड़े शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के भोले के भक्त
नेमावर रोड स्थित देवगुराड़िया की पहाड़ी पर बने शिव मंदिर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के भोले भक्तों का मेला लगा। यहां रात ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुई भक्तों की कतार रातभर रही। यहां लगे मेले चकरी और झूले का लुत्फ भी भक्तों ने लिया। महंत रितेशपुरी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सवा लाख भक्तों ने दर्शन किए। चार दिनी मेले में हर दिन हजारों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।
राम मंदिर में हरिहर महायज्ञ की पूर्णाहुति
महामृत्युंजय मंत्र का पाठ और शंख, घंटा, झांझ की मंगलध्वनि के साथ हरिहर महायज्ञ की पूर्णाहुति राजेंद्र नगर स्थित राम मंदिर में हुई। विद्वत धर्मसभा शंकराचार्य पीठम के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदमूर्ति धनंजय शास्त्री वैद्य के मार्गदर्शन में पंडित जितेंद्र काले गुरुजी द्वारा वैदिक विधि से महायज्ञ संपन्न किया गया। इस अवसर पर पूजन हेतु बनाए गए प्रत्येक मंडल का महत्व बताया। साथ ही यज्ञ में क्षेत्रपाल, भैरव पूजा और बली के बारे में भी समझाया गया।
बाणेश्वर महादेव का अभिषेक कर सांकेतिक यात्रा भी निकाली
बाणगंगा स्थित बाणेश्वरी कुंड पर शिव जलाभिषेक एवं रुद्राभिषेक महोत्सव मनाया। सुबह के सत्र में विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में पांच हजार से अधिक महिलाओं ने बाणेश्वर महादेव का अभिषेक पूजन किया। दोपहर 11 बजे मंदिर परिसर में ही सांकेतिक शिव बरात निकाली गई। इसमें बच्चे भूत-पिशाच, चुड़ैल की वेशभूषा में शामिल हुए। दोपहर में महिलाओं के लिए फाग महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें भजन गायक पं. मुकेशानंद ने अपने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिवधाम बना विवाह मंडप, 12 फलों के रस से किया अभिषेक
गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर (शिवधाम) परदेशीपुरा पर सुबह भस्मारती के बाद स्वर्ण कलश से अभिषेक किया गया। शाम को शिवधाम को विवाह मंडप बनाकर शंकर-पार्वती दूल्हा-दुल्हन के रूप में विराजित किया गया। श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तत्वावधान में इंदिरा गांधी नगर स्थित मां मंदिर पर 12 फलों के रस से भगवान भोलेनाथ का महाभिषेक किया गया। इसके बाद शृंगार, पूजन एवं आरती की गई।
सतरंगी महल में शिव के साथ राम दरबार
शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित नवलखा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर पर बंगाल से आए 10 कलाकारों ने गर्भगृह में सतरंगी महल बनाया। इसमें 6 फीट ऊंचे शिवलिंग की साक्षी में पर्ण कुटी में विराजित राम दरबार की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। इस झांकी को 10 क्विंटल घास एवं 5 क्विंटल फूल-पत्तियों से सजाया गया है। कपलेश्वर महादेव मंदिर समिति द्वारा कपलेश्वर महादेव मंदिर, काटजू कालोनी में 1100 लीटर ड्रायफ्रूट और 500 किलो साबूदाने की खिचड़ी का वितरण किया गया।
गीता भवन पर नमक-चमक से रुद्राभिषेक
मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर पर नमक-चमक से रुद्राभिषेक किया गया। अध्यक्ष राम ऐरन व मंत्री रामविलास राठी ने बताया कि इस अवसर पर परिसर में सभी मंदिरों में पुष्पों एवं विद्युत से सज्जा की गई। पांच ब्राह्मणों ने आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के मार्गदर्शन में रुद्राभिषेक किया। श्री गुटकेश्वर धाम सद्गुरु परिवार न्यास द्वारा किला मैदान स्थित रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा के समक्ष फरियाली नगर भंडारे का आयोजन किया। इसके साथ ही वृंदावन के कलाकार नृत्य नाटिका की प्रस्तुति भी दी गई।
सूखे मावे से शृंगार, सजाया फूल बंगला
गोपेश्वर महादेव मंदिर गांधी हाल में महाशिवरात्रि पर सूखे मेवे से शृंगार किया किया गया। शाम को महादेव ने अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन दिए। सूखे मेवे और भांग से शृंगार किया गया। एमओजी लाइंस स्थित सद्गुरु लादूनाथ महाराज आश्रम के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर दुग्धाभिषेक के बाद दोपहर भक्तों में ठंडाई प्रसाद का वितरण किया। इस मौके पर फूलों और पत्तियों पुष्पा बंगला सजाया गया था।
1008 नामों से हुई शिवार्चना
संगम नगर शिवालय में 11 वैदिक विद्वानों के सान्निध्य में आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा “वैदिक” के आचार्यत्व में एक हजार आठ नामों से पुष्प, बिल्वपत्र, सूखे मेवे एवं फलों से शिवार्चना की गई। बाबा का विविध पत्र पुष्पों से मनोहरी शृंगार, महारुद्र अभिषेक, यज्ञ का वैदिक विधान विद्वानों के सान्निध्य में संपन्न हुआ। महा अनुष्ठान में आचार्य नंदकिशोर शास्त्री, पंडित पवन शर्मा, कृष्णकांत शास्त्री (वृंदावन), सुनील शास्त्री आदि उपस्थित थे।
परमात्मा के सत्य स्वरूप और कर्तव्य को पहचानें
महाशिवरात्रि पर हम सभी शिव पर धतूरे के फूल, बेर चढ़ाते हैं। यह सब हम जन्म-जन्मांतर करते आए, लेकिन जीवन में परिवर्तन नहीं आया। वास्तव में इन सबके पीछे बहुत बड़ा आध्यात्मिक रहस्य समाया हुआ है। इसके लिए परमात्मा के सत्य स्वरूप को एवं उनके कर्तव्य को पहचानना जरूरी है। यह बात इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने “ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी” सभागृह ज्ञान शिखर में कही। वे चार दिवसीय “गंगा अवतरण से स्वर्णिम युग दर्शन झांकी” के लोकार्पण अवसर पर संबोधित कर रही थीं।
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