बरेली रायसेन से यशवन्त सराठे
जबसे नेशनल हाईबे पर टोल प्लाजा बने है तब से ही दिनों दिन इनकी शुर्खिया बढ़ ती नजर आ रही है मामले की तह तक पहुंचाने से पहले आपको बता दे की इन टोल प्लाजा ओ पर बेलगाम होती अवैध वसूली और गुंडागर्दी को लेकर आम जन ही परेशानी का शिकार होते हैं परंतु नेता और अधिकारियों को छोड़कर जो आम जनता शासन का सहयोग करती है उसको ही क्यों शिकार बनाया जा रहा है पूर्व में भी जिला रायसेन में लगभग सभी टोल प्लाजाओं पर गुंडागर्दी और अवैध वसूली की खबरें समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों के माध्यम से प्रकाशित की जा चुकी हैं परंतु बेलगाम होते टोल प्लाजा के कर्मचारी जिन पर संबंधित नेता और अधिकारियों के संरक्षण के कारण कार्रवाई करना तो दूर उनकी तरफ कोई उंगली भी नहीं उठाता नजर आ रहा।
बीते दिन उदयपुरा टोल नाके पर एक ट्रक ड्राइवर को टोल नाके के कर्मचारियों ने किसी बात को लेकर रोका और उसके साथ हाथापाई शुरू कर दी अब टोल कर्मचारियों का कहना है कि ड्राइवर ने शराब के नशे में उनके साथ वात्सलुकी की परंतु क्या टोल कर्मचारियों को कानून हाथ मैं लेना उचित था अगर ऐसी कोई वारदात थी तो उदयपुरा थाना प्रभारी को सूचित कर उस ट्रक ड्राइवर को कानून के हवाले करना था क्या टोल कर्मचारियों को कानून हाथ में लेना शोभा देता है या इनको किसी के संरक्षण से बल मिल रहा है क्या इनको न्याय करने का अधिकार मिल गया है जो तत्काल निर्णय ले लेते हैं परंतु नेता अधिकारियों को छोड़कर सिर्फ आम जनता ही क्यों इन की गुंडागर्दी और अबैध वसूली का शिकार हो रही है जब एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर इस वारदात की कुछ वीडियो फुटेज पोस्ट की तो संबंधित लोगों के फोन आने शुरू हो गए और पोस्ट डिलीट करने के लिए दवाब बनाया गया क्या शासन और प्रशासन की मिलीभगत से ही यह सब कार्य सुचारू है जिससे टोल प्लाजा कर्मचारियों का बाल बढ़ा हुआ है ऐसे में जनता कहां तक सुरक्षित है