भोपाल। ओडिशा और उससे लगे पश्चिमी बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका राजस्थान, उत्तर प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार, सोमवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना है। भोपाल में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। अगस्त माह की शुरुआत में मौसम साफ होने के भी आसार नजर आ रहे हैं।
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक दतिया में 23.2, सीधी में 17.6, दमोह में 14,शिवपुरी में पांच, सागर में 4.9, रतलाम में चार,उमरिया में 3.6, सतना में 1.8, जबलपुर में 1.5, नर्मदापुरम में 1.4, सिवनी में 1.2, ग्वालियर में 1.1, पचमढ़ी में 0.8, गुना में 0.4, उज्जैन में 0.4, इंदौर में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई। भोपाल, राजगढ़, खजुराहो में बूंदाबांदी हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में उत्तरी ओडिशा और उससे लगे पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून ट्रफ श्रीगंगानगर, रोहतक, लखनऊ, गया, रांची से कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। पंजाब एवं उससे लगे पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान और उसके आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में बना हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तरी ओडिशा के आसपास बने कम दबाव के क्षेत्र एवं मानसून द्रोणिका के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो रही है। इन क्षेत्रों में रुक-रुककर बौछारें पड़ने का सिलसिला रविवार के अलावा सोमवार को भी बना रह सकता है। मानसून द्रोणिका अब सामान्य स्थिति से ऊपर की तरफ खिसकने लगी है। साथ ही बंगाल की खाड़ी में फिलहाल कोई मानसून प्रणाली के बनने के संकेत भी नहीं हैं। इस वजह से अगस्त माह की शुरुआत में मौसम साफ होने की भी संभावना है।
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