इंदौर। बकाया भुगतान जारी करने के एवज में 12 लाख रुपये रिश्वत लेने वाले कार्यपालन यंत्री राकेश कुमार सिंघल को इंदौर के विशेष न्यायालय ने सोमवार को जेल भेज दिया। आरोपित ने रिश्वत के 50 हजार रुपये नकद लिए थे, जबकि शेष रकम का उसने चेक लिया था। सोमवार को लोकायुक्त ने आरोपित के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। आरोपित ने जमानत के लिए आवेदन दिया था, जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया।
8 नवंबर 2021 को आरडी ग्रुप एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर के रविश मंत्री ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी। इसमें कहा था कि आवेदक की फर्म ने इंदौर एवं उज्जैन संभाग के सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नलकूप खनन किए थे। इस काम का बिल एक करोड़ 74 लाख रुपये हुआ था। इसमें से एक करोड़ पांच लाख रुपये का भुगतान हो चुका था। शेष राशि के भुगतान के लिए आरोपित राकेश कुमार सिंघल, कार्यपालन यंत्री, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं आवेदक से 12 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
आरोपित का जमानत आवेदन किया खारिज
8 नवंबर को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपित को आवेदक से 50 हजार रुपये नकद और साढ़े 11 लाख रुपये का चेक रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। सोमवार को प्रकरण में जांच पूरी कर आरोपित के खिलाफ चालान प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने आरोपित के जमानत आवेदन को निरस्त करते हुए उसे जेल भेजा दिया गया।
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