देबेन्द्र तिवारी साँची रायसेन
सांची पर्यटक स्थल पर स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए फुंक जाते हैं परन्तु कहीं कोई स्वच्छता दिखाई नहीं दे पाती लोगों को गंदगी की समस्या से जूझना पड़ता है । गंदगी की शिकवा शिकायत का भी कोई असर दिखाई नहीं देता । नगर भर पूरी तरह गंदगी की चपेट में जकडा हुआ है । स्वच्छता अभियान मात्र कागजी बनकर रह गया ।
जानकारी के अनुसार यह नगर कहने को तो एक विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है इस स्थल के अनुसार इस नगर में सरकार की योजनाएं तो तैयार की जाती है परन्तु यह योजना इस स्थल की धरती पर उतरने के पहले ही दम तोड़ती दिखाई दे जाती है एक ओर नगर को स्वच्छ बनाने तथा सुंदर बनाने की कवायद तो जोरशोर से शुरू की जाती है परन्तु जमीन पर पहुंचने के पहले ही टांय टांय फिश हो जाती है तब लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए दो चार होना पड़ता है बावजूद इसके सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हद तो तब हो जाती है जब नगर में निर्वाचित हुए पार्षद की भी न तो नगर परिषद में सुनवाई होती है न ही कर्मचारी ही सुनने को तैयार दिखाई देते हैं तब परेशान पार्षद त्याग पत्र तक देने की चेतावनी देने में पीछे नहीं दिखाई देते । स्वच्छता अभियान मात्र मुख्य सड़कों तक ही सिमट कर रह गया है अंदरुनी क्षेत्र पूरी तरह गंदगी की चपेट में जकड़े हुए रहते हैं ऐसा ही मामला तब सामने आया जब नगर परिषद के वार्ड नं 7 से निर्वाचित हुए पार्षद जनता की समस्याओं को हल कराने अपनी उपेक्षित नीति के चलते परेशानी उठाने पर मजबूर हो उठे हैं । वार्ड नं 7 से निर्वाचित राधा रवि अहिरवार कांग्रेस की एक मात्र महिला पार्षद हैं । इस पंद्रह पार्षद वाली नप में कांग्रेस की एक ही पार्षद जीत कर आए सकी थी तथा 12 पार्षद भाजपा के निर्वाचित हुए थे इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्षद को नप की पीआईसी में शामिल कर सामान्य प्रशासन विभाग की सभापति बनाया गया है इसके बाद भी उक्त पार्षद को मूलभूत सुविधाएं हल कराने यहां वहां भटकने पर मजबूर होना पड़रहा है परन्तु न तो उक्त पार्षद की कर्मचारी ही सुनने को तैयार दिखाई देते हैं न ही न प प्रशासन ही पार्षद की मांग को गंभीरता से ही ले पा रहा है इसी मामले में आज पार्षद राधा ने बताया कि नप प्रशासन हमारी जनसमस्याओं को गंभीरता से नहीं ले पा रहा है तथा हमारी उपेक्षा कर रहा है हमने पूर्व में भी इस रवैए से नाराज़गी जताई थी परन्तु सीएमओ हरीश सोनी हमारी मांगों पर गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं यहां तक कि सफाई कर्मचारियों से सफाई व्यवस्था का कहने पर अनर्गल उत्तर दिये जाते हैं तथा कर्मचारियों द्वारा धमकी तक दी जाने लगती है तथा हमें पीआईसी में शामिल किया गया है जनता की मांग उठाने पर हमें पीआईसी से बाहर करने की बात भी होना शुरू हो जाती है सबसे खास बात तो यह है कि जिस वार्ड से यह पार्षद विजयी हुई है वह वार्ड नप अध्यक्ष पप्पू रेवाराम का वार्ड कहलाता है जबकि पप्पू रेवाराम वार्ड नं 3 का प्रतिनिधित्व करते हैं बावजूद इसके अध्यक्ष के आवासीय वार्ड के पार्षद को जनसमस्याओं के लिए जूझना पड़ रहा है परन्तु समस्या हल कराने में विफल साबित हो रहे हैं वार्ड में कचरे के ढेर लगे रहते हैं तथा नालियां जाम हो रही है न तो कोई सुनने न कोई देखने वाला ही दिखाई दे रहा है । जिससे वार्ड की जनता से किए गए वायदे पूरे नहीं कर पा रहे हैं । इस मामले में जब नप अध्यक्ष पप्पू रेवाराम का पार्षद की उपेक्षित रवैय की ओर ध्यान आकर्षित किया गया तो उन्होंने बताया कि इस वार्ड में वाहन पहुंचने की सबसे बड़ी समस्या रहती है तथा जैसे तैसे वाहन पहुंच भी जाते हैं तो पार्षद के परिवार के सदस्यों द्वारा सफाई कर्मचारियों के साथ व्यवहार ठीक नहीं रहता तथा गाली गलौज तथा अनर्गल बातें कर्मचारियों से की जाती है इसके पूर्व भी नगर परिषद में पार्षद के नेतृत्व में अधिकारी के विरुद्ध नारेबाजी की जा चुकी है इसके वाबजूद वार्ड में सफाई व्यवस्था सुचारू बनाए रखने प्रयास किए जा रहे हैं परन्तु पार्षद द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने से कर्मचारियों में भी रोष बढ़ने लगता है अनेक बार हमने भी पार्षद को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग करने का प्रयास किया । यही कारण है कि हमने अपनी पीआईसी में नगर को सोन्दर्य करण का जामा पहनाने तथा नगर के विकास में राजनीति से ऊपर उठकर पार्षद को शामिल किया गया है पार्षद का यही रवैया रहा तो हमें मजबूत हो कर पीआईसी से बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ेगा ।