स्टेट हेंगर पर शिवराज,कमलनाथ की मुलाकात,देर तक चली गुफ्तगूं
भोपाल। एक तरफ़ जहाँ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में निजी मुलाक़ात को लेकर ज़बर्दस्त तनातनी चल रही हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कि आज सुबह स्टेट हैंगर भोपाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनायास ही मुलाक़ात हो गई। दोनों नेताओं के बीच काफ़ी देर तक लंबी बातचीत होती रही।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज 21 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर के सामने धरना दिया। इसमें बड़ी संख्या में दिग्विजय समर्थक और कांग्रेस नेता जुटे। दिग्विजय ने कहा कि आज सुबह मेरे पास फोन आया कि मुख्यमंत्री ने मुझे 23 जनवरी दोपहर 12 बजे मिलने का वक्त दिया है। पहले उन्होंने वक्त दिया, फिर मना कर दिया और फिर वक्त दे दिया। ये सब चल क्या रहा है? मुख्यमंत्री को मुझे लिखकर बताएं कि उन्होंने मुझे क्या वक्त दिया। धरने में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे। दिग्विजय ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पास ना तो किसानों से मिलने का समय है और ना ही एक पूर्व मुख्यमंत्री से।
दिग्विजय के साथ धरना देने पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने श्यामला हिल्स स्थित सीएम हाउस के सामने भजन गाए। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अपने साथ ढोल-मंजीरे सब लेकर गए थे। कार्यकर्ताओं ने रघुपति राघव राजा राम गाया और तानाशाही नहीं चलेगी, राजा साहब संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं जैसे नारे लगाए। कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने बाकायदा बैरिकेडिंग कर रखी है।
दिग्विजय ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास बांध से विस्थापित हुए किसानों से मिलने का समय नहीं है। उनके पास भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद से मिलने का समय नहीं है। डेढ़ महीने बाद उनके कार्यालय ने मुझे 21 जनवरी सुबह सवा ग्यारह बजे मिलने का समय दिया। आज मुझे सूचना दी गई, वे मुझसे नहीं मिलेंगे, क्योंकि व्यस्त हैं। अब तो मैं उनके घर के सामने सुबह सवा 11 बजे धरने पर बैठूंगा। गिरफ्तार करना है, गिरफ्तार कर लीजिए। शिवराज सिंह जी, बताए दे रहा हूं, इस प्रकार का बर्ताव आपको महंगा पड़ेगा।
ये है पूरा मामला
राजगढ़ की सुठालिया, भोपाल और विदिशा जिले की सीमा टेम सिंचाई परियोजना से डूब में आने वाले गांव और विस्थापितों के मुआवजा को लेकर सियासत होने लगी है। दोनों परियोजना से करीब 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन डूब में आ रही है। इससे डेढ़ हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होंगे। सरकार इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दे रही है। प्रभावित इसे कम बताकर विरोध कर रहे हैं। इनके समर्थन में दिग्विजय सिंह भी आ गए हैं।