देवेन्द्र तिवारी सांची,रायसेन
सरकार व प्रशासन लगातार स्वच्छता मिशन को बढावा देते हुए हर जगह स्वच्छ व सुन्दर बनाने की कवायद में जुटे रहते हैं परंतु इस स्वच्छता पर तब पलीता लग जाता है जब स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक अमला इसे गंभीरता से न लेकर भगवान भरोसे छोड़ देता है जिसका खामियाजा आम लोग भुगतने मजबूर हो जाते है ।
जानकारी के अनुसार जैसे जैसे प्रधानमंत्री का जन्मदिन नजदीक आ रहा है वैसे वैसे सरकार और प्रशासन इस जन्मदिन को उत्साह से मनाने स्वच्छता मिशन जोरशोर से चलाकर हर क्षेत्र को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने अभियान चलाकर सरकार की मंशा पर खरा उतर सके ।परन्तु इन सब सरकार की मंशा एवं प्रशासन के प्रयास तब विफल हो जाते हैं जब जमीनी स्तर पर प्रशासनिक अमला इसे गंभीरता से न लेकर गंदगी की सफाई छोड़ मात्र सडको पर अभियान चलाकर फोटो शूट तक ही सिमट कर रह जाता है ऐसा ही नजारा इन दिनों इस ऐतिहासिक स्थल पर गंदगी की भरमार से दिखाई देता है जगह जगह गढ्ढे गंदगी को समेटे दिखाई देते है तथा जो कसर बाकी रह जाती है उसे इस नगर में आवारा घूमने वाले सुअर आसानी से गंदगी मचाते दिख जाते है परन्तु स्थानीय स्तर पर इन पर लगाम कसने प्रशासन चुप्पी साधे बैठ कर तमाशबीन बनकर रह जाता है इनके गंदगी फैलाने से नगर भर में विभिन्न गंभीर बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है जिससे लोग बीमारियों की चपेट में आने से भयभीत हो उठते हैं ।हालांकि ऐसा भी नहीं है कि जमीनी स्तर पर स्वच्छता के नाम पर सरकार के लाखों करोड़ों की राशि न फुंक रही हो ।इस ओर न तो प्रशासन न ही सरकारों की ही नजर पहुंच पाती हो ।इस सब खेल में कहीं न कहीं इस मामले में निरीक्षण दलों पर भी सवाल खडे होते रहते है ।तथा स्वच्छता मिशन केवल कागजी एवं फोटोशूट तक ही सिमट जाता हैं ।आवारा सुअर बेधड़क विचरण करते गंदगी करते आसानी से दिखाई देते है ।न ही इस गंदगी से फैलने वाली विभिन्न बीमारियों से स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह बेखबर बना दिखाई देता है ।जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है ।न ही कभी स्थानीय प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग की ओर से ही कोई दिशा निर्देश ही जारी किये जाने की जहमत ही उठाई जाती हैं ।