आजादी के 77 साल बाद भी जिला मुख्यालय से 5 km दूर गांव में नही पहुंची बिजली..रायसेन गांव को बिजली की दरकार
विजयसिंह राठौर रायसेन
केंद्र और राज्य सरकार हर घर बिजली के लाख दावे बिजली कंपनी के दम पर कर ले लेकिन हकीकत में केवल रायसेन जिले के ही 149 गांवों मंजरों टोलो में आजादी के 77 साल बाद भी आज तक में बिजली नहीं पहुंच पाई है। यह चौकने वाले आंकड़े खुद विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी किए गए। अब जब जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर के दूरी पर स्थित नगरी सीमा क्षेत्र के गांव पीपलखेड़ा में ही आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है तो फिर जिले के इन डेढ़ सौ गांव का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
लाइट नही तो क्या हुआ बल्ब तो हे,बच्चो ने तार पर लटकाया बल्ब
ऐसे में इस भीषण गर्मी में बगैर बिजली व्यवस्था के जीवन-यापन कर रहे इन ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। शासन प्रशासन से अनेक बार मांग करने के बावजूद कहि कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब भीषण समस्या से जूझ रहे ग्रामीण थक हार कर अपनी किस्मत को कोसते नज़र आते हैं।
जिला मुख्यालय रायसेन से 5 किलोमीटर की दूरी पर वार्ड क्रमांक एक मे स्थित बिजली बिहीन गांव पीपलखेड़ा का हमारी टीम ने जब भीषण गर्मी में जाकर जायजा लिया तो आप भी देखिए कैसे सिस्टम की लापरवाही इस गांव के लोगो के लिए लाचारी बन गई है।
इस गांव के रहवासियों ने घरों में कभी स्थाई रूप से बिजली नहीं देखी। गांव में करीब 80 परिवार निवासरत हैं और उनकी कुल आबादी एक हजार के करीब है जिसमे 500 से ज्यादा मतदाता भी है। ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि गांव में स्थाई रूप से बिजली नही होने से उन्हें रोजमर्रा के कार्य यहां से 5 किलोमीटर दूर रायसेन में कराने जाना पड़ता है। यही नहीं बिजली न होने के कारण पीने के पानी के लिए नल जल व्यवस्था, आटा पिसाई सहित अन्य काम बुरी तरह से प्रभावित होते है। इस गांव में बिजली व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। बच्चे रात को पढ़ाई नहीं कर पाते तो पास में जंगल लगे होने के कारण रात के अंधेरे में रोज जंगली जानवरों का डर भी लोगो के जीवन का हिस्सा बन गया हैं।
गांव में नीम की छांव के नीचे तेंदूपत्ता की गड्डी बना रहे बुजुर्ग दंपत्ति की पीड़ा एक बार जरूर सुन लीजिए। गांव के बच्चों ने नीम के पेड़ पर कहीं से लाकर फ्यूज बल्ब लटका दिया है जो सिस्टम को चलाने वाले अधिकारियों के लिए मानो मुंह चिढ़ा रहा है.. गांव की बुजुर्ग भील आदिवासी जीजी भाई कह रही हैं गांव में आए उन्हें 40 साल हो गए लेकिन कभी जीवन में बिजली नहीं देखी वही उनके बुजुर्ग पति का कहना है कि अपनी तो जिंदगी कट गई अब आगे भगवान मालिक हैं।
बिजली कंपनी का पक्ष जानने के लिए जब हम बिजली कंपनी GM चंद्रकांत पंवार से मिलने गए तो उन्होंने कैमरे पर विभाग के नियमो का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया। फिर हमारे सवालों पर उन्होंने अपने रिकॉर्ड के पत्र को देखकर बताया कि पीपलखेड़ा गांव में दो साल पहले RT योजना के तहत विद्युतीकरण का काम स्वीकृत हो चुका है। लेकिन एस्टीमेट के हिसाब से जिस स्थान से गांव में पोल लगाकर लाइट ले जाना है वहां कुछ लोग विवाद कर पोल नहीं लगने दे रहे हैं । इसके अलावा विभाग से प्राप्त जानकारी से पता चला कि पीपलखेड़ा की तरह ही जिले के करीब 149 गांव में आज भी बिजली के तार नहीं पहुंच पाए । हालांकि रायसेन नगर पालिका की ओर से लगातार पत्राचार कर उनके वार्ड क्रमांक 1 में आने वाले गांव पीपलखेड़ा में विद्युतीकरण कार्य के लिए बिजली कंपनी को बार-बार लिखा गया है। नगर पालिका सीएमओ ने बताया कि उन्हें उम्मीद है जल्दी पीपलखेड़ा में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।