धीरज जॉनसन की रिपोर्ट
दमोह शहर के एकमात्र जिला अस्पताल में अनवरत सुधार और निर्माण कार्य चलता रहता है पर व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पाती है मरीजों की सुविधा के नाम पर आवंटन और करोड़ों खर्च तो किये जाते है पर परिसर व कमरों की खामियां अक्सर प्रकाशित होती रहती है जिसे देखकर हाथी के दांत खाने के औऱ दिखाने के औऱ कहावत याद आने लगती है।
रात में भवन के अंदर खड़े वाहन,दरवाजे पर लटकते ग्लव्स, टूटे पलंग- टाइल्स दिखाई देते है पर प्रबंधन का ध्यान इस ओर नहीं जाता है या नजरअंदाज कर दिया जाता है।
सोमवार को को सिविल सर्जन ऑफिस का जायजा लिया गया तो सिर्फ पांच कर्मचारी माधव,कृष्णकांत,स्वप्निल,दीपक,मोहन उपस्थित मिले
बाकी कुर्सियां खाली थी।कहीं वाटर कूलर में नल नहीं था तो कहीं टोकन डिस्प्ले सिस्टम और स्पीकर बंद था,शौचालय में गंदगी और बिना किट पहने सफाई कर्मचारी दिखाई दिए,तो ऊपरी मंजिल में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी,पर प्रबंधन इन सब पर पर्दा डालता प्रतीत होता है।
“पता करते है,सूचना मिलने पर रिपेयरिंग की जाती है अभी काम चल रहा है जो कुछ भी टूटा हुआ होगा उसे ठीक किया जाएगा”
डॉ एम तिमोरी सिविल सर्जन,जिला चिकित्सालय दमोह
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन