महाराष्ट्र में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज है. एक के बाद एक कांग्रेस के कद्दावर नेता पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी और अजित गुट वाली एनएसपी में शामिल हो रहे हैं. मिलिंद देवड़ा ने जहां बीजेपी का दामन थामा तो वहीं बाबा सिद्दीकी ने एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया. वहीं अशोक चव्हाण ने भी बीजेपी में शामिल होने का फैसला कर लिया है. जिसके बाद से महाराष्ट्र विकास आघाडी और कांग्रेस की गाड़ी पूरी तरह से पटरी से उतरती नजर आ रही है.
इस बीच कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला शरद पवार से मुलाकात करने जा रहे हैं. इस दौरान अशोक चव्हाण के जाने से पार्टी को हुए नुकसान की भरपाई और राज्यसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. चव्हाण के जाने से महाविकास अघाड़ी का चुनावी गणित भी बिगड़ सकता है.
छह सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग
महाराष्ट्र की राज्यसभा की छह सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग है. यहां बीजेपी के तीन उम्मीदवारों का जीतना तय माना जा रहा है. वहीं अब खबर है कि बीजेपी ने महायुति के बैनर तले 6 सीटों में से चार पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली है. एक-एक सीट पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी अपने उम्मीदवार देगी. ऐसे में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ना तय है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस के पास 45 विधायक थे, लेकिन अशोक चव्हाण के पार्टी से अलग होने के बाद से 44 विधायक बचे हैं. इनमें से कुछ विधायकों के अशोक चव्हाण से संपर्क होने की बात सामने आ रही है. राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को कम से कम 41 विधायकों की दरकरार है. अगर बीजेपी महायुति के साथ मिलकर सभी 6 सीटों पर उम्मीदवार उतार देती है और कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी से अलग राह चुन ली तो कांग्रेस का हारना तय है.
एनसीपी और शिवसेना उतारेगी उम्मीदवार
दरअसल विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग ने अजीत पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना को ही असली पार्टी का दर्जा दिया है. ऐसे में अगर व्हिप जारी होगा तो या तो इनके विधायक व्हिप के पक्ष में वोट करेंगे या फिर इन्हें व्हिप के उल्लंघन की प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिससे बात उनकी विधायकी पर आ सकती है.
कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर
कुछ दिन पहले ही बाबा सिद्दीकी कांग्रेस से इस्तीफा देकर एनसीपी में शामिल हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है अगर एनसीपी ने बाबा सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बना दिया तो उनके बेटे जीशान सिद्दीकी किसे वोट करेंगे. जाहिर है वो अपने पिता को ही वोट करेंगे. जिसके बाद कांग्रेस के पास 44 में से 42 विधायक ही बचेंगे. वहीं कांग्रेस के एक विधायक सुनील केदार जमानत पर हैं ऐसे में वो मतदान कर पाएंगे या नहीं फिलहाल इसके बारे में सस्पेंस हैं. वहीं अगर अशोक चव्हाण के समर्थन में 12 से 14 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी तो कांग्रेस का क्लीन बोल्ड हो जाएगी.