केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह दावा किया। अमित शाह ने पिछले साल दिसंबर में अपने पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान दावा किया था कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है।
CAA पर मुसलमानों को भड़काया जा रहा
एक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर कहा, ”2019 में बना कानून इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा।” उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मुस्लिम भाइयों को (सीएए के खिलाफ) गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं। यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है।”
पंडित नेहरू ने भी किए हैं हस्ताक्षर
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कहा कि यह एक संवैधानिक एजेंडा है, जिस पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस ने तुष्टिकरण के कारण इसे नजरअंदाज कर दिया था। उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना एक सामाजिक परिवर्तन है। इस पर सभी मंचों पर चर्चा की जाएगी और इसकी कानूनी समीक्षा की जाएगी। एक धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म आधारित नागरिक संहिता नहीं हो सकती।”
श्वेत पत्र लाने का यह सही समय
सदन में सरकार द्वारा श्वेत पत्र पेश किए जाने के समय को लेकर सवाल किए जाने पर शाह ने कहा कि ऐसा करना आवश्यक था क्योंकि देश को यह जानने का पूरा अधिकार है कि 2014 में सत्ता खोने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार कैसी अव्यवस्था छोड़ कर गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय (2014) अर्थव्यवस्था खराब हालत में थी। हर जगह घोटाले हुए। विदेशी निवेश नहीं आ रहा था। अगर हम उस वक्त श्वेत पत्र पेश करते तो दुनिया में गलत संदेश जाता।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 10 साल बाद हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया है, वह विदेशी निवेश लेकर आई है और कोई भ्रष्टाचार नहीं है इसलिए श्वेत पत्र प्रकाशित करने का यह सही समय है।”