केंद्र सरकार पर हमला तेज करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार आज नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस सरकार ने पिछले कुछ सालों में टैक्स ट्रांसफर और सहायता अनुदान में राज्य के साथ अन्याय का आरोप लगाया है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रियों सहित कर्नाटक कांग्रेस के सभी विधायक और सांसद विरोध-प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पर मौजूद हैं.
राज्य सरकार केंद्र से 15वें वित्त आयोग के तहत पांच साल के दौरान कर्नाटक को हुए 1.87 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई करने की मांग कर रही है. प्रदर्शन में कर्नाटक के मुखयमंत्री सिद्दारमैया, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत अन्य मंत्री भी मौजूद हैं.
कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप
सिद्दारमैया ने कहा कि विरोध का उद्देश्य राज्य की चिंताओं की ओर केंद्र सरकार और देश के लोगों का ध्यान आकर्षित करना है. उन्होंने केंद्र सरकार पर कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार करने और संघीय ढांचे का अपमान करने का आरोप लगाया. सिद्धारमैया ने राज्य में भाजपा नेताओं और इसकी पिछली सरकार पर केंद्र की नीतियों के कारण राज्य के साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए कुछ नहीं करने के लिए बार-बार हमला किया है.
उन्होंने कहा था कि बीजेपी के 27 लोकसभा सांसद (एक निर्दलीय और एक जेडीएस सहित) उनके पक्ष में होने के बावजूद, उन्होंने संसद या सरकार के सामने अपना मुंह नहीं खोला है. एनडीए सरकार में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों ने भी राज्य की चिंताओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात नहीं की है.
गुजरात को जो योजनाएं दी हैं वो कर्नाटक को भी दें: डीके शिवकुमार
वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें जो भी जितना मिलना चाहिए उससे बहुत कम सरकार हमें दे रही है. अगर अन्य राज्यों को लाभ मिलता है तो को उससे कोई दिक़्कत नहीं है. लेकिन केंद्र को चाहिए कि जो गुजरात को जो नीतियां, योजनाएं दी हैं वो कर्नाटक को भी दें. कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार की उन्हें यह कदम उठाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा की हर कोई अलग-अलग लड़ रहा है लेकिन देर-सबेर दक्षिण गठबंधन एक होना पड़ेगा.
दिल्ली में कर्नाटक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा कि कर्नाटक सरकार को सही टैक्स राशि देने की मांग को लेकर आज कर्नाटक की पूरी कैबिनेट केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने दिल्ली आई है. वित्त मंत्री चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं. सीएम अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ यहां जंतर-मंतर पर केंद्र द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.
वहीं कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार हमारे राज्य से लगभग 4,50,000 रुपए टैक्स वसूलेगी, लेकिन हमें सिर्फ 50,000 रुपये ही मिल रहे हैं. इस वर्ष 236 तालुकों में से 220 तालुक सूखे से प्रभावित घोषित किए गए हैं. अभी तक कर्नाटक के लिए एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब
हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित भाजपा नेताओं ने इन आरोपों पर कड़ी आलोचना की है कि केंद्र कर्नाटक सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए धनराशि रोक रहा है. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप है जिसमें इनका निजी स्वार्थ छुपा हुआ है. इधर पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि विरोध एक राजनीतिक स्टंट है जिसका उद्देश्य राज्य कांग्रेस सरकार की गलतियों से ध्यान भटकाना है.
विपक्ष का केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन
वहीं सीपीआई (एम) के दिग्गज नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 8 फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित लापरवाही के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेंगे. दूसरी तरफ कोलकाता में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके राज्य का बकाया, विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोके जाने के लिए केंद्र के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करेंगी.