धरसीवा क्षेत्र को हरियाली मुक्त करने का चल रहा षड्यन्त्र
तहसीलदार ने मौके पर जाकर की जांच
सुरेंद्र जैन धरसीवा रायपुर
सांकरा निको/धरसीवा।एक तरफ ग्रामीण प्रदूषण से हलाकान हैं तो वहीं दूसरी ओधौगिक क्षेत्र से सटे गांवों में हरियाली की विनाशलीला का खेल जोर शोर से जारी है वही परसतराईं में भी तटबंध निर्माण की आड़ में नदी किनारे सैंकड़ो हरे भरे वृक्ष काट दिए गए सोमवार को तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे ने मौके पर पहुचे तो हरियाली की विनाशलीला देख उनके भी होश उड़ गए ।
जानकारी के मुताबिक धरसीवा में परसतराई के आगे खारून नदी तट पर करोड़ो की लागत से जलसंसाधन विभाग के माध्यम से ठेकेदार द्वारा तटबंध का निर्माण किया जा रहा है ग्रामीणो की शिकायत थी कि तटबंध की आड़ में बड़ी संख्या में हरे भरे वृक्षो को काट दिया गया है और नदी किनारे के जंगल को मैदान में तब्दील कर दिया गया साथ ही निर्माण में भी निम्न स्तर का काम हो रहा है ग्रामीणो की शिकायत को क्षेत्रीय विधायक अनुज शर्मा ने भी गंभीरता से लिया इसके बाद सोमबार 29 जनवरी को तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे जांच करने मौके पर पहुचे तो यह देखकर उनके भी होश उड़ गये की यहां तो निर्माण के नाम पर बड़ी संख्या में हरे भरे पेड़ो की कटाई हुई है बिना किसी परमिशन के हरे भरे वृक्षों की कटाई बड़े पैमाने पर हुई है वहीं तटबंध का निर्माण भी निम्न स्तर का चल रहा था।तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे ने बताया कि उन्होंने जांच कर जांच प्रतिवेदन एसडीएम रायपुर को भेज दिया है।
8 एमएम का लग रहा सरिया
तट बंध के निर्माण में 8 एमएम का सरिया लगाया जाने की शिकायत ग्रामीण द्वारा की गई है सबसे खास बात तो यह कि करोड़ो की लागत से हो रहा निर्माण कार्य भगवान भरोसे हो रहा है सिंचाई विभाग का कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं रहता इस कारण ठेकेदार मनमानी से काम कर रहा है।
मुरेठी में भी खारून किनारे हरियाली पर चली कुल्हाड़ी
इधर धरसीवा के मुरेठी गांव में भी नदी किनारे बड़ी संख्या में हरे भरे पेड़ काट दिए गए हैं एक बड़े भूभाग से हरे भरे पेड़ गायब होकर मैदान बन चुका है
अवैध प्लाटिंग को सिक्स लाइन किनारे काटे पेड़
धरसीवा क्षेत्र में हरियाली की विनाशलीला चारों तरफ हो रही है अस्पताल के सामने सिक्स लाइन किनारे करीब 5 एकाड़ भूमि पर अवैध प्लाटिंग के लिए भी पेड़ो की अवैध कटाई हुई है
हरियाली की विनाशलीला के खिलाफ अब ग्रामीण भी जागरुक होने लगे हैं
प्रशासन की यह मुस्तैदी आगे क्या रंग लाएगी यह तो समय ही बताएगा लेकिन बर्तमान में तो हरे भरे उपवन मैदान बन चुके हैं