भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ा रही है। बजट से पहले 26 विभाग 8,623 करोड रुपये व्यय करेंगे। तीन माह के लिए सरकार ने यह राशि विभागों को दी है। इसमें लोक निर्माण, जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्माण कार्यों के लिए चार हजार करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं। विभिन्न विभाग 847 करोड़ रुपये परियोजना कियान्वयन इकाई को देंगे, जो भवन निर्माण का काम कर रही है।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 56 हजार 256 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए रखे हैं। वित्त विभाग ने 26 विभागों को विशेष व्यय सीमा जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए स्वीकृत की है। 8,623 करोड रुपये की इस विशेष व्यय सीमा से पूंजीगत कामों को गति दी जाएगी। लोक निर्माण विभाग को विभिन्न निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए दो हजार 55 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
सिंचाई परियोजनाओं को गति देने के लिए जल संसाधन विभाग को एक हजार 255 करोड़ और नर्मदा घाटी विकास को 807 करोड़ रुपये मिले हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए 991 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ग्रामीण विकास को 591 और वन विभाग को 439 करोड़ रुपये मिले हैं।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को 309, स्कूल शिक्षा 300, उद्योग 276, उच्च शिक्षा 206,गृह 203, खेल एवं युवक कल्याण 162, तकनीकी शिक्षा,कौशल विकास एवं रोजगार 157, संस्कृति 112 और चिकित्सा शिक्षा विभाग को 109 करोड़ रुपये की व्यय सीमा तीन माह के लिए स्वीकृत की है।
इसके अतिरिक्त जनजातीय कार्य, राजस्व, अनुसूचित जाति कल्याण, महिला एवं बाल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, पर्यटन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को राशि आवंटित की गई है।