उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या जिले (Ayodhya district) में बन रहे भव्य राम मंदिर (Grand Ram temple) के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। श्री राम मंदिर के उद्घाटन (Inauguration) के निमंत्रण को लेकर नेताओं में घमासान मचा हुआ है। राजनीतिक दलों (Political parties) के मुख्य नेताओं को ट्रस्ट की तरफ से आमंत्रित किया गया है। इस सब के बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि हमें निमंत्रण नहीं मिला है। जिस पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने दावा किया है कि उसने अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में आगामी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आमंत्रित किया है, लेकिन उन्होंने इसकी पुष्टि या खंडन करने से इनकार कर दिया है। विहिप प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें निमंत्रण भेजा गया है। देखते हैं भगवान राम (lord ram) उन्हें बुलाते हैं या नहीं।
जो लोग निमंत्रण देने आए थे हम उन्हें नहीं जानते: अखिलेश यादव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के आमंत्रण को लेकर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं उन्हें (आलोक कुमार) नहीं जानता। केवल एक-दूसरे को जानने वाले लोग ही निमंत्रण देते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि हम उनको ही निमंत्रित करते हैं, जिनको जानते हैं और उनसे ही निमंत्रण लेते हैं। उन्होंने कहा कि जब भगवान बुलाएंगे तब हम जायेंगे। वहीं इंडिया गठबंधन की मीटिंग पर अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली में जो बैठक हो रही है उसमें पार्टी की तरफ से सुझाव दिया जाएगा और उनसे सुझाव मांगा जाएगा। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ है और आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में भाजपा का सफाया हो जाएगा।
जानिए और क्या बोले विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार?
बताया जा रहा है कि इससे पहले, विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि कुछ समय पहले, मैंने उनका (अखिलेश का) बयान पढ़ा था जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया था कि ‘अगर उन्हें समारोह के लिए निमंत्रण मिलता है, तो वह जाएंगे’, इसलिए हमने उन्हें आमंत्रित किया है; फिर मैंने उनका एक और बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा कि अगर भगवान राम जी बुलाएंगे तो मैं जाऊंगा। तो, अब मैं यह जानने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं कि क्या राम जी समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष को बुलाते हैं या नहीं। अगर नहीं बुलाया, तो लोगों को यह स्पष्ट हो जाएगा कि भगवान राम उन्हें नहीं चाहते हैं।