इंदौर। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) इंदौर में मंगलवार को चार दिवसीय कस्टमाइज्ड मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम की नई बैच की शुरुआत हुई। यह प्रोग्राम मुख्य नगर अधिकारियों (सीएमओ) के लिए शुरू किया गया। यह क्षमता निर्माण पर केंद्रित है, जिसमें शहरी अपशिष्ट प्रबंधन पर व्यावहारिक कौशल और रणनीतिक अंतर्दष्टि विषयों को शामिल किया गया।
इस बार के बैच में 21 सीएमओ छिंदवाड़ा, जबलपुर, टीकमगढ़, मुरैना, उमरिया, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, आलीराजपुर, विदिशा, मंदसौर, मंडला, पन्ना, धार के शामिल हुए। संस्थान के सेंटर आफ एक्सीलेंस, अन्वेषण के तहत शुरू हुई इस बैच का शुभारंभ आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने किया।
प्रो. राय ने उड़ते हुए हंसों का उदाहरण देते हुए कहा, हंस जब त्रिकोण में उड़ते हैं तो उसमें अपनी जगह बदलते रहते हैं। इससे हर एक हंस को आराम करने, टीम का नेतृत्व करने और एक लक्ष्य की ओर बढ़ने में भी लाभ होता है। ठीक इसी प्रकार जब भी कोई हंस बीमार पड़ता है, तो उसके ठीक होने तक दो हंस उसके साथ रहते हैं, और फिर वे साथ में दोबारा उड़ान भरते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नेतृत्व का गुण किसी में भी जन्मजात नहीं होता, बल्कि निरंतर सीखने और एक कुशल खिलाड़ी बनने की इच्छा से विकसित होता है। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक प्रो. श्रुति तिवारी ने नेतृत्व, स्वच्छता और सफाई के लिए एक नोडल हब और ज्ञान केंद्र के रूप में अन्वेषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान गतिविधियों की श्रृंखला में भाग लेने, नेतृत्व को बढ़ावा देने और स्थिरता और सफाई की प्रथाओं को प्रोत्साहित करने की पहलों पर भी चर्चा की।
इस पाठ्यक्रम में बहुआयामी विषय शामिल किए गए हैं। इसमें परियोजना प्रबंधन पद्धतियां, विविध नेतृत्व शैलियां और अपशिष्ट पृथक्करण में सार्वजनिक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका शामिल है। इसके अलावा सत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए रोडमैप और प्राचीन प्रथाओं से लेकर समकालीन प्रगति तक जल प्रबंधन तकनीकों की खोज जैसे व्यापक पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
यह कार्यक्रम सर्कुलर इकोनामी माडल पर जोर देते हुए स्मार्ट शहरों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे नवीन दृष्टिकोणों पर भी प्रकाश डालेगा। इसके अलावा, प्रतिभागियों को परिवर्तन प्रबंधन रणनीतियों, ग्रीन बांड्स के महत्व और टिकाऊ शहरी पहल के लिए महत्वपूर्ण कुशल वित्तीय प्रबंधन प्रथाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।