सीहोर विधानसभा क्षेत्र के 263 पोलिंग स्टेशन में मात्र 46 ही जीत पाई कांग्रेस, भाजपा ने 218 जीते
अनुराग शर्मा सीहोर
मुख्यमंत्री का गृहजिला होने के कारण सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा के अलावा चारों विधानसभा सीहोर, इछावर, आष्टा पर भी पूरे देश की नजर लगी हुई थी।कांग्रेस विश्वास जता रहे थे कि बुधनी को छोड़कर जिले की शेष तीन सीटों पर तो अवश्य ही जीत हासिल कर लेंगे। इनमे सीहोर विधानसभा क्षेत्र और जिला मुख्यालय वाली सीहोर सीट पर तो कांग्रेस खुद को जीता समझ सुस्त हो गई थी। इसके बाद जब मतगणना की इवीएम में गिनती शुरू हुई तो कांग्रेसियों के होश उड़ गए और कांग्रेस 263 पोलिंग स्टेशन में मात्र 43 ही जीत पाई, जबकि भाजपा ने 218 जीतकर सीहोर विधानसभा में अबतक की सबसे बड़ी जीत अर्जित की।
विधानसभा के चुनाव अब संपन्न हो चुके हैं। भाजपा प्रदेश में एक बार फिर से सरकार बनाने जा रही है। चुनाव संपन्न होने के बाद दोनों की पार्टी के हारे हुए उम्मीदवार अपनी हार पर कहा चूक हुई इसे लेकर चिंतन कर रहे हैं। जिले में सबसे ज्यादा मलाल कांग्रेस पार्टी कर रही है। इसका कारण है कि जिले में कांग्रेस चार सीटों में से एक पर भी जीत अर्जित नहीं कर सकी और भाजपा ने कांग्रेस का सुपड़ा साफ कर दिया। जिले में कांग्रेस को सबसे ज्यादा मलाल सीहोर जिला मुख्यालय वाली सीहोर विधानसभा में देखने को मिल रहा है। वैसे तो कांग्रेस सीहोर, आष्टा और इछावर में अपनी जीत के दावे कर रही थी, लेकिन सीहोर जिला मुख्यालय वाली सीट सीहोर विधानसभा से कांग्रेस को काफी आशाएं थी, लेकिन कुल मिला कर कांग्रेस को सीहोर विधानसभा क्षेत्र से 37 हजार से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा।
ये थे कारण
सीहोर विधानसभा को लेकर कांग्रेस इसलिए आशांवित नजर आ रही थी कि सीहोर में भाजपा ने पूर्व विधायक सुदेश राय को चुनाव मैदान में उतारा गयाथा, जिनका काफी विरोध देखने को मिल रहा था। वहीं कांग्रेस ने सहकारिता नेता और चुनाव में अपनी गहरी पकड़ रखने वाले अनुभवी रमेश सक्सेना के पुत्र शशांक सक्सेना को टिकट दिया था। कांग्रेस इसी को लेकर काफी आशांवित थी कि सीहोर सीट से कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता है। वहीं सीहोर विधानसभा क्षेत्र में करीब आधे पोलिंग ग्रामीण क्षेत्र में आते हैं, जिस पर कांग्रेस को आशातीत विश्वास था कि सीहोर शहरी क्षेत्र में भले ही कांग्रेस पिछड़ जाए, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर, दोराहा, बरखेड़ाहसन पट्टी पर कांग्रेस लीड लेकर आएगी। बस ! कांग्रेस ने यही गलती कर दी और खुद को जीता समझ सुस्त हो गई। इसके चलते सीहोर सीट भी हाथ से गंवा दी।
263 पोलिंग स्टेशन में मात्र 46 ही जीत पाई कांग्रेस, भाजपा ने 218 जीते
सीहोर विधानसभा में 263 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से कांग्रेस मात्र 46 मतदान केन्द्रों पर ही विजय अर्जित कर पाई। वहीं भाजपा ने 218 मतदान केन्द्रों पर विजयश्री का डंका बजाया। कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस जिस ग्रामीण क्षेत्र पर विजय का घंमड कर रही थी। उसे ग्रामीण क्षेत्र से भी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में 172 मतदान केन्द्रों में से महज 28 में जीत सकी। जबकि भाजपा ने 144 मतदान केन्द्रों पर जीत अर्जित की। शहरी क्षेत्र की बात करें तो 91 मतदान केन्द्रों में से 18 मतदान केन्द्र की कांग्रेस के हाथ लगे। इनमें आधे से अधिक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र कस्बे के हैं। जबकि भाजपा ने शहरी क्षेत्र के 73 मतदान केन्द्र जीते। कांग्रेस ग्रामीण इलाकों में प्रमुख रूप से बरखेड़ाहसन के चारों मतदान केन्द्रों के अलावा कोड़िया छीतू, रोला, मुख्त्यार नगर, सरखेड़ा, धोबीखेड़ी, सतोरनिया, तोरनिया, भोज, तकिया, शहजहांपुर आदि में ही जीत सकी।