– भाजपा में सीएम की रेस में लंबी फेहरिस्त
– आलाकमान के हाथ में निर्णय की चाबी
रंजीत गुप्ता
भोपाल।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आ चुके और भाजपा की पांचवीं बार प्रदेश की सत्ता में वापसी हो चुकी है। इसी बीच अब इस बात को लेकर कयासों का दौर जारी हो चुका है कि इस बार भाजपा की ओर से सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा। मध्य प्रदेश में लाडली बहना के कारगर रहने के बाद अब लाडली बहनों के प्यारे शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के पद पर बैठते हैं कि नहीं। यह देखने वाली बात होगी। सीएम की कुर्सी को लेकर भाजपा ने अपने पत्ते विधानसभा चुनाव के दौरान नहीं खोले थे। एमपी के मन में मोदी का स्लोगन देकर पूरा चुनाव लड़ा गया। लेकिन जब भी पत्रकारों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भाजपा के सीएम फेस को लेकर के प्रश्न पूछे गए तो सभी नेता सीधा उत्तर देने से बचते नजर आए। प्रदेश में भाजपा की सत्ता वापसी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो भाजपा की सीएम पद की रेस में प्रमुख दावेदार हैं ही लेकिन दूसरी ओर पिछड़ा वर्ग के कोठे से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा,ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं। अब आलाकमान निर्णय करना है कि मध्य प्रदेश का सीएम कौन होगा।
सभा में पूछते थे सीएम बनना चाहिए कि नहीं-
लाडली बहना के जरिए मप्र में फिर से कमाल करने वाले शिवराज सिंह चौहान सीएम पद की इस रेस में खुद को ही मान रहे हैं. एमपी में चुनाव प्रचार के दौरान भी अपने बयानों से वह इसके संकेत देते रहे हैं। जनसभाओं में भी वह लगातार सीधे जनता से पूछते नजर आए थे कि मामा को सीएम बनना चाहिए या नहीं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह के बयानों और सवालों से शिवराज सिंह लगातार पार्टी आलाकमान को संदेश देना चाहते थे कि एमपी की राजनीति में उनकी धमक अभी बाकी है। अब देखना ये होगा कि उनकी तमाम कोशिशों का आलाकमान पर कोई असर हुआ है या नहीं।
भाजपा में सीएम की रेस में लंबी फेहरिस्त-
एमपी में शिवराज सिंह चौहान ही नहीं बल्कि अन्य नेता भी खुद को सीएम पद का दावेदार मान रहे हैं, हालांकि खुले तौर पर किसी ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश में सीएम पद की रेस में दूसरा सबसे बड़ा नाम कैलाश विजयवर्गीय का है. कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश के मालवा रीजन के बड़े नेता माने जाते हैं। इसके अलावा वह पार्टी का सवर्ण वैश्य चेहरा भी हैं. विजयवर्गीय के बाद इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम है। हालांकि उनके बेटे का एक वीडियो वायरल होने के बाद माना जा रहा है कि पार्टी उनके नाम से परहेज कर सकती है। पार्टी एक और विकल्प पर विचार कर सकती है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग से लोधी वोट बैंट को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पर भी भाजपा दांव लगा सकती है।
आलाकमान के हाथ में निर्णय-
भाजपा आलकमान मध्य प्रदेश में सीएम की कुर्सी पर किसे बैठाएगा फिलहाल इसे लेकर सिर्फ चर्चाओं का बाजार गर्म है। दावेदारों की लंबी फेहरिस्त के बीच यह तय है कि सीएम का चुनाव आलाकमान ही करेगा, लेकिन वह चेहरा कौन होगा यह कहा नहीं जा सकता।