रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसेन
मंडीदीप औद्योगिक केंद्र में स्कूल बसों के नाम पर कंपनियों में लेबर ढोकर सरकार को टैक्स का जमकर चूना लगाया जा रहा है। बस संचालकों द्वारा स्कूलों में बच्चे छोड़कर कंपनियों में शिफ्ट के अनुसार लेबर छोड़ी जाती है, जिसका ताजा उदाहरण वर्धमान कंपनी की बस में देखने को मिला देखा जा सकता है। मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं, जिस कारण स्कूल बस के नाम पर बस संचालकों द्वारा कंपनियों की लेबर ढोई जाती है और पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए स्कूल का नाम बदनाम करते हैं। दो महीने पहले आरटी ओ अधिकारी जगदीश सिंह भील को जानकारी दी गई थी उन्होंने आश्वासन दिया था यदि ऐसा है तो बस संचालकों पर उचित कार्रवाई की जाएगी लेकिन लगता है कि अब सारी बसें उन्हीं के संरक्षण में चल रही क्योंकि आरटीओ जब भी मंडीदीप आने की बात करता सबसे बस संचालकों को पता चल जाता है
परिवहन विभाग उदासीन से कमाई की जा रही है। कमाई करने के चक्कर में स्कूल का नाम बदनाम कर टोल टैक्स सहित वाहन चेकिंग से भी बचने में बस संचालकों को आसानी हो जाती है। यह औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते शहर में कई कंपनियों में देखने को मिलता है। परंतु जिला परिवहन विभाग कार्रवाई करने की जगह इनको प्रोत्साहन दे रहा है। यदि समय रहते जिला परिवहन ने जाएगी। ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
जिला परिवहन अधिकारी को जानकारी देने के बाद भी नही हुई कार्यवाही
जिला प्रशासन को खुलेआम बस संचालक छूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।पर रायसेन जिले के परिवहन अधिकारी जगदीश भील कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठा रहे है।जेसे इनकी ही मिलीभगत से यह सभी बस उद्योगों में संचालित हो रही है।