आज शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है। इस शुभ अवसर पर रवि योग और कौलव करण समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि देवी ने ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इस कारण उनके इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा।
माता कात्यायनी का जन्म दुष्ट असुर के संहार करने के लिए हुआ था। उनका चार भुजाएं हैं, जिसमें एक भुजा में तलवार और दूसरी भुजा में कमल है। अन्य दो भुजाओं वरद मुद्रा में हैं। गले में सफेद फूलों की माला है। माता कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है
नवरात्र की षष्ठी तिथि 20 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट तक है। इसके पश्चात, सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। साधक दिन में सुविधा के अनुसार मां की पूजा और साधना कर सकते हैं।