रिपोर्ट धीरज जॉनसन,दमोह
दमोह शहर से करीब पांच किमी दूर मारूताल में बने शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) में वैसे तो करीब 260 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है परंतु यहां के हालात देखकर लगता है कि इस संस्थान को स्वयं सुधार की जरूरत है।
एक जानकारी के अनुसार यहां वर्तमान में सात कोर्स है जिसके अध्यापन के लिए एक प्राचार्य और सात ट्रेनिंग अधिकारी है,परंतु कुछ अवकाश या ट्रेनिंग में होने से पढ़ाई प्रभावित होती है। एक क्लर्क है जो अटैच किए गए है। दो चपरासी है जिसमें से एक चपरासी और एक इलेक्ट्रिशियन बहादुर सिंह सोमवार को दिखाई नहीं दिए। एक ट्रेनिंग ऑफिसर भोपाल में अटैच है। यहां सात गेस्ट फैकल्टी है जिसमें से भी एक सोमवार को उपस्थित नहीं थे। इससे यह परिलक्षित होता है कि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को अभी पर्याप्त सुविधाओं का इंतजार है।
हालात यह है कि यहां पानी की टंकी में लीकेज है जिससे ऊपरी मंजिल का फर्श गीला होता रहता है। छत पर पड़ी हुई पानी की दो टंकी देखकर लगता है कि इनका उपयोग कई दिनों से नहीं किया गया है।
आश्चर्य तो यह कि छत पर सोलर पैनल लगे हुए है पर यहां विद्युत आपूर्ति कि समस्या बनी रहती है जिससे छात्रों को अध्ययन के समय दिक्कत होती है पर उसमें भी सुधार नहीं हुआ है। छत पर आग बुझाने के लिए रखी बाल्टी या तो खाली है या उसमें बेकार सामग्री भरी है और यही हालात भवन के अंदर बने खेल मैदान के है जहां टूटे झाड़ और पनप चुकी घांस दिखाई देती है, तो परिसर के बाहर झाड़ियां और बिजली आपूर्ति के तार जमीन से कुछ ही ऊंचाई पर झूलते दिखाई देते है जिसे देखकर लगता है इस संस्था में सुधार और परिवर्तन की काफी आवश्यकता है।