मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
जिले में कई स्थानों पर झमाझम बारिश हो रही है। लेकिन क्षेत्र में कम बारिश होने से धान के गढ़े अभी खाली नजर आ रहे। बारिश को लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। सोयाबीन के भाव लगातार कम होने व उत्पादन नहीं के कारण किसान धान की फसल को ज्यादा महत्व देने लगे। लेकिन इस बार बरसात नहीं होने से धान की फसल लगाना मुश्किल हो गया। धान की रोपाई करने वाले किसानों को जितना पानी चाहिए, उतनी बारिश नहीं हुई। जुलाई का महीना पूरा निकल गया है इसके बावजूद भी बारिश का आंकड़ा नहीं बढ़ा है जिस हिसाब से जुलाई के महीने में बारिश होना चाहिए थी वैसी बारिश नहीं हुई जिससे किसानों के माथे की लकीर से स्पष्ट नजर आ रहा है कि किसान चिंता में है किसानों द्वारा अपने खेत में बनाए गए गढ़े अभी खाली पड़े हैं तो कुछ किसान अपने ट्यूबेल से गढ़े भर रहे हैं मगर जिन किसानों के पास ट्यूबवेल या कुआ उपलब्ध नहीं है उनकी चिंता बढ़ गई है कई किसानों ने बारिश अच्छी होने का संकेत मिलने पर अपने खेत में धान के रोपे रोप दिए हैं मगर अब उन पौधों को पानी नहीं मिल पा रहा है जिस कारण धान के रोपे हुए रोप मुरझा रहे हैं दीवानगंज क्षेत्र के किसान सुरेश साहू, छत्रपाल साहू, मुकेश नायक, जितेंद्र मीणा, पवन प्रजापति, गजेंद्र चोकसे यदि किसानों का कहना है कि इस बार धान की रोपाई और पैदावार के मान से बारिश नहीं हो पा रही। सोयाबीन की फसल के लिए बरसात ठीक है। लेकिन हमारे क्षेत्र में धान की रोपाई ज्यादा की जाती है। जिलों में जितनी बारिश हो रही है। उसके हिसाब से हमारे क्षेत्र में बेहद कम बारिश हुई। यह वर्तमान खरीफ और आने वाली रबी फसल के लिए भी चिंता जनक है। अगर आगे भी मानसून इसी तरह रहा तो धान की फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी और आने वाली दूसरी फसल पर भी फर्क पड़ेगा अब केवल बारिश के 50 दिन बचे हैं अगर इन दिनों में अभी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी और आने वाली फसल पर भी फर्क पड़ेगा