देवेन्द्र तिवारी सांची रायसेन
वैसे तो इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल पर स्वच्छता अभियान की बड़ी बड़ी धींगे मारने वाले प्रशासन की कलई लाखों रुपए खर्च कर खरीदे गए डस्टबिन जगह जगह कचरों की तरह पड़े दिखाई दे रहे हैं।साथ ही नगर परिषद द्वारा नगर का कचरा ट्राली में भरकर अपने ही कार्यालय के समीप खड़ा कर रखा है जिससे नगर की छवि को तो बट्टा लग ही रहा है साथ ही यह कचरा बदबू फैला रहा है जिससे गंभीर बीमारी फैलने का भी खतरा मंडराता नजर आने लगा है। प्रशासन बेखबर होकर तमाशबीन बनकर रह गया है।
जानकारी के अनुसार यह स्थल विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है इस स्थल को सुंदर स्वच्छ बनाए रखने का जिम्मा नगर परिषद प्रशासन को सौंपा गया है तथा इस स्वच्छता अभियान चलाने सरकारें लाखों करोड़ों रुपए की राशि आवंटित कर रही है परन्तु इस स्थल पर सरकार की लाखो करोड़ो रुपए स्वच्छता अभियान पर खर्च तो किये जा रहे हैं परन्तु यह राशि कहां खर्च हो रही है किसी को पता नहीं है तथा इस स्थल के हालात बद से बद्तर हो चुके हैं तब सरकार के स्वच्छता अभियान की राशि का बंदरबांट से इंकार नहीं किया जा सकता । इस स्थल पर स्वच्छता अभियान मात्र कागजी बनकर रह गया है जबकि जमीनी हकीकत स्वयं अपनी दास्तां बयां कर रही है अनेक बार स्वच्छता अभियान को बट्टा लगाने के मामले भी यदा-कदा सुनने देखने को मिलते रहे हैं तथा कुछ मामले उजागर भी हो चुके हैं परन्तु ऐसे मामले तब ठंडे बस्ते में बंद हो कर रह जाते हैं जब नीचे से ऊपर तक भृष्टाचार की जड़ें मजबूत होती है तथा इस सरकारी राशि को डकारने वाले साफ बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं ऐसे मामलों में हमेशा से सुर्खियां बटोरने वाला इस स्थल का प्रशासन चर्चित होता रहता है इन दिनों इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल के हर मामले में हाल बेहाल बने हुए हैं नगर पूरी तरह गंदगी की जकड़ में जकड़ा हुआ दिखाई देता है लोगों की मूलभूत सुविधाओं को न तो कोई सुनने न देखने न ही निदान करने वाला ही दिखाई देता है सरकार की लाखो करोड़ो रुपए की विभिन्न सामग्रियों सहित नगर में कीटनाशक कागजी बनकर रह गई है । जिससे नगर के लोगों के पास प्रशासन को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है । इसी तर्ज पर लाखों रुपए खर्च कर नगर में जगह जगह लगाने डस्टबिनो की खरीद फरोख्त तो की जाती है परन्तु यह डस्टबिन नगर के विभिन्न हिस्सों में बिखरे पड़े दिखाई देते हैं तथा इन डस्टबिन पर सरकार की लाखो रुपए की राशि को चूना लगा दिया जाता है तथा खरीदी कर कचरों में डाल दिये जाते हैं इतना ही नहीं नगर भर का कचरा समेट कर नप अपनी ट्राली में भरकर अपने ही दफ्तर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे खड़ी कर दी जाती है जो क ई क ई दिनों तक कचरों से लदी ट्राली खडी रहती है तब यह कचरा बदबू फैलाता दिखाई देता है जिससे लोगों का यहां से आना जाना मुश्किल हो जाता है इससे गंभीर बीमारी फैलने की आशंकाएं भी बढ़ जाती है । कर्मचारियों पर जिम्मेदार अधिकारियों की पकड़ न होने से समस्या बन रही है इस नगर परिषद कार्यालय में अधिकारी कर्मचारी मात्र अपनी कुर्सी तक ही सिमट कर रह गये है जिसका खामियाजा नगर के लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर गुजरना पड़ रहा है जबकि नगर प्रशासन विभिन्न करो के रूप में नगर वासियों से लाखों करोड़ों रुपए वसूल कर रहा है । यहां तक कि निर्माण सामग्री के नाम पर लाखों करोड़ों खर्च हो रहे हैं बावजूद इसके लोगों को समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है । इस स्थल पर सालों से नगर के गंदगी भरे क्षेत्रों में कीटनाशक दवा का छिड़काव न होने से मच्छर भी बढ़ रहे हैं ।इन दिनों नगर परिषद प्रशासन की कारगुजारी बाजारों में भी चर्चित हो रही है परन्तु इस स्थल पर होने वाली कारगुजारी पर न तो प्रशासन न ही शासन की नजर पहुंच पा रही है जो संदेहास्पद बना हुआ है लोगों का मानना है कि इस नगर परिषद प्रशासन की उच्च स्तरीय जांच पड़ताल कर ली जाए तो बड़ी गड़बड़ी के उजागर होने से इंकार नहीं किया जा सकता है ।