इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल आफ फार्मेसी से संचालित डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों के पास अंतिम मौका है। मंगलवार को रिक्त सीटों के लिए फार्मेसी अध्ययनशाला में काउंसिलिंग रखी गई है। इसके लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं ने पहले ही आवेदन कर दिए है। विभागाध्यक्ष के मुताबिक आवेदनों के आधार पर विद्यार्थियों की मेरिट निकालेंगे। उसके बाद पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। काउंसिलिंग में छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक योग्यता सहित जाति-आय प्रमाण पत्र लाना होगा।
2022 में शुरू किया था कोर्स
कोरोनाकाल के दौरान चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय में तेजी आई, जिसमें फार्मा इंडस्ट्री भी शामिल थी। फार्मासिस्ट की बढ़ती डिमांड को देखते हुए विश्वविद्यालय ने 2022 में डीफार्म पाठ्यक्रम शुरू किया। वैसे अभी तक यह कोर्स निजी विश्विवद्यालय व सरकारी और निजी कालेज से संचालित होता था इसके लिए संस्थान दो से तीन लाख रुपये विद्यार्थियों से फीस के नाम पर वसूलते है।
दो साल का कोर्स
पिछले साल से संचालित होने लगे इस पाठ्यक्रम में विश्वविद्यालय ने 60 सीटें रखी है। फीस 62 हजार रुपये सालाना निर्धारित की गई है। इस लिहाज से दो साल का कोर्स एक लाख पच्चीस हजार में पूरा हो रहा है। शैक्षणिक योग्यता में विद्यार्थियों का 12वीं में गणित, केमिस्ट्री और बायोलाजी विषय में पास होना जरूरी है।
खाली सीटों के लिए कालेज लेवल काउंसलिंग
नान सीईटी के पहले चरण में 60-65 फीसद सीटें भर चुकी है। शेष सीटों के लिए कालेज लेवल काउंसिलिंग (सीएलसी) का चरण रखा है। विभागाध्यक्ष डा. राजेश शर्मा का कहना है कि रिक्त सीटों के लिए विद्यार्थियों ने 20 जुलाई तक आवेदन कर दिए है। प्राप्त आवेदन के आधार पर विद्यार्थियों की मेरिट बनाई गई है। 25 जुलाई को विद्यार्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया है।
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