भोपाल। मध्य प्रदेश में अब लर्निंग या परमानेंट लाइसेंस बनवाने के लिए ई-केवायसी कराना होगा। बिना ई-केवायसी के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा आरसी सहित वाहन संबंधी दस्तावेजों के लिए भी ई-केवायसी अनिवार्य कर दिया गया है। 15 अगस्त से यह नई व्यवस्था प्रदेशभर में शुरू की जाएगी। यह प्रक्रिया सारथी एप से की जा सकेगी। इसके लिए शासन स्तर पर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
सारथी एप में भी होगा बदलाव
सारथी एप में ई-केवायसी की व्यवस्था के लिए बदलाव किया जाएगा। आवेदन सारथी एप के माध्यम से भी ई-केवायसी करा सकेंगे। भारत सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने आधार बेस्ड ई-केवायसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिवहन सेवाओं में आधार की अनिवार्यता से कार्य और आसान होंगे। परिवहन सेवाओं काे पूरी तरह से फेसलेस करने की मंशा के अनुरूप सरकार काम कर रही है।
पुराने दस्तावेजों के ई-केवायसी पर भी चल रहा विचार
शासन स्तर पर वाहन संबंधी पुराने दस्तावेजों का ई-केवायसी कराने पर भी विचार चल रहा है। इसके लिए पिछले दिनों अधिकारियों की विभागीय बैठक में विचार विमर्श हुआ था, लेकिन तकनीकी रूप से इस प्रक्रिया में कठिनाई आएगी, इसे दूर करने के लिए आइटी विभाग से बात चल रही है। तकनीकी कठिनाईयां दूर होती है तो पुराने दस्तावेजों का भी ई-केवायसी कराया जाएगा। हालांकि इसमें समय लगेगा।
15 वर्ष पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने भोपाल में जल्द शुरू होंगे सेंटर
मध्य प्रदेश में सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के लिए भोपाल में जल्द सेंटर शुरू किया जाएगा। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। इंदौर में स्क्रैप सेंटर शुरू हो गया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने ग्वालियर में एक स्क्रैप सेंटर स्वीकृत किया है, इसे खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
डेढ़ सौ करोड़ रुपये अनुदान भी
इधर 15 वर्ष पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने पर केंद्र सरकार डेढ़ सौ करोड़ रुपये अनुदान भी देगी। यह अनुदान राज्य के सरकारी विभागों- कार्यालयों, निकायों, उपक्रमों, त्रिस्तरीय पंचायतों के 15 वर्ष या इससे अधिक वर्ष पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप कराने पर दिया जाएगा। यह राशि दो चरणों में दी जाएगी। स्क्रैप कराने की शर्त पर बकाया मोटरयान कर में 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
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