मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सांची ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम दीवानगंज की आंगनवाड़ी केंद्र की दुर्दशा बरकरार है बारिश में टपकी छत आंगनबाडिय़ों की दुर्दशा की कहानी बयां करती है। दीवानगंज मैं स्थित आंगनवाड़ी केंद्र एक में चारों तरफ की दीवारें मैं जगह-जगह दरार पढ़ रही है जिसकी वजह से बच्चे आंगनवाड़ी में अंदर ना बैठ कर बाहर बने चबूतरे पर बैठ कर अपनी पढ़ाई करने को मजबूर है विभागीय मदद नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं द्वारा अस्थाई तौर पर बारिश से बचने के लिए छतों पर तिरपाल तक नहीं बिछाई गई है। जहां तिरपाल का भी इंतजाम नहीं है वहां खाली बर्तन रखकर टपकते पानी को सहेजा जा रहा है ताकि फर्श गीला न हो। मगर छत से इतनी जगह पानी टपक रहा है कि बर्तन रखने के बावजूद भी पूरा फर्श गीला हो जाता है फर्श पर बार-बर झाड़ू लगाने के बाद भी घंटो फर्श नहीं सूखता ऊपर से छत से बूंदे टपकती रहती है जब मुख्य सेक्टर की आंगनवाड़ी केंद्र का यहां हाल है तो ग्रामीण अंचलों की आंगनवाड़ी केंद्र की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
बारिश के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों की दीवारों पर भी नमी आ गई है। बारिश के मौसम में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या में आई कमी आई है
आंगनबाडिय़ों की जर्जर हालत एवं टपकती छतों को देखते हुए अभिभावक भी अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने से परहेज कर रहे हैं। जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या गर्मी के मुकाबले कम हो गई है। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर तो महज तीन-चार बच्चे ही आ रहे हैं। बताया गया कि आंगनबाडिय़ों कई सालों से आंगनबाडिय़ों का मेंटेनेंस नहीं हो सका है जिसके कारण ज्यादातर केंद्रों की हालत जर्जर है।