ARY न्यूज को दिए साक्षात्कार में जावेद मियांदाद ने यह बात कही। इसी दौरान एक सवाल के जवाब में मियांदाद ने कहा, मेरे पिता को क्रिकेट का बहुत शौक था। मैं और मेरे भाई गली में और घर की छत पर क्रिकेट खेलते थे।
जावेद मियांदाद ने कहा कि जब भी वह राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते थे, तो टीम के हारने पर अंतर को कम से कम रखने की कोशिश करते थे। यही कारण है कि किसी भी खिलाड़ी ने उनकी कप्तानी पर आपत्ति नहीं जताई।
जावेद मियांदाद ने पिछले दिनों भारत-पाकिस्तान क्रिकेट (IND vs PAK) पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम को क्रिकेट खेलने के लिए भारत आना चाहिए और यदि वे नहीं आते हैं तो पाकिस्तान टीम को भी भारत नहीं जाना चाहिए।
बता दें, ‘आतंकवाद और खेल एक साथ नहीं चल सकते हैं’, अपनी इस दलील को आधार बनाते हुए भारत ने पाकिस्तान में एशिया कप खेलने से इनकार कर दिया। इसका पड़ोसी देश के क्रिकेट बोर्ड PCB को बड़ा नुकसान हुआ।
पाकिस्तान ने गुजरात के अहमदाबाद शहर में खेलने पर भी आपत्ति जताई थी, लेकिन आईसीसी (ICC) ने उनकी हर आपत्ति को खारिज कर दिया और क्रिकेट वर्ल्ड कप का शेड्यूल जारी कर दिया।
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