उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु दिल खोलकर भेंट दे रहे हैं। आनलाइन भेंट में भी इजाफा हुआ है। इसी का परिणाम है कि मंदिर समिति को अप्रैल व मई माह में 27 करोड 77 लाख रुपये की रिकार्ड तोड़ आय हुई है।
मंदिर प्रशासन के अनुसार अप्रैल माह में गर्भगृह में प्रवेश,शीघ्र दर्शन टिकट तथा भस्म आरती की बुकिंग से समिति को 14 करोड 26 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। मई माह में मंदिर को 13 करोड 51 लाख रुपये की आय हुई है। अप्रैल व मई माह की कुल आय 27 करोड़ 77 लाख रुपये बताई जा रही है।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि आय बढ़ने के साथ खर्च भी बढ़ा है। श्री महाकाल महालोक बनने से पहले मंदिर में प्रतिमाह करीब ढाई कारोड़ रुपये खर्च होता था। लेकिन महालोक बनने के बाद खर्च की राशि बढ़कर दो गुना हो गई है।
अब मंदिर प्रशासन साफ सफाई, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था व अन्य प्रकल्पों पर प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। श्रावण मास में खर्च की राशि बढ़कर 6 से 7 करोड़ रुपये प्रतिमाह होने का अनुमान है। क्यों कि श्रावण में श्रद्धालुओं की सुविधा के अतिरिक्त इंतजाम करना पड़ेंगे। इस पर मोटी रकम खर्च होने का अनुमान है।
20 जून तक पूरा होगा टनल की छत का काम
श्रावण मास में भक्तों को नई भूमिगत टनल से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। फिलहाल परिसर से गणेश मंडपम तक टनल बनाए जाने का काम चल रहा है। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया 20 जून तक टनल के आखिरी हिस्से में छत डालने का काम पूरा हो जाएगा। श्रावण की शुरुआत 4 जुलाई से होना है, ऐसे में हमारी कोशिश है कि श्रावण मास के प्रथम सप्ताह में भक्तों के लिए इस मार्ग को चालू कर दिया जाए।
दो मार्ग से दिया जाएगा प्रवेश
श्रावण मास में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने पर कार्तिकेय व गणेश मंडपम दोनों मार्गों से भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। मंदिर के गेट नं.6 से भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं नवनिर्मित टनल से भक्तों को सीधे गणेश मंडपम में लाया जाएगा।
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