निर्जला एकादशी व्रत के दिन दान का विशेष महत्व है। आप भी आज के दिन दान करके पुण्य कमा सकते हैं। पंडित गजेंद्र दुबे ने बताया कि निर्जला एकादशी के दिन स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प करें। बताए गए नियम का पालन अवश्य करें।
गाय के घी का दीप जलाएं
व्रत में किसी प्रकार का अन्न व जल ग्रहण न करें। आप बिना कुछ खाए व जल के बिना नहीं रह सकते तो फल, दूध ले सकते हैं। व्रत के दिन सबसे पहले घर में गाय के घी का दीप जलाएं। अब भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक कर फूल-तुलसी चढ़ाएं। भगवान को भोग लगाएं। आरती उतारकर कथा पढ़ें। भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की भी पूजा जरूर करनी चाहिए।
उपयोग की सामग्री दें दान
पंडित गजेंद्र दुबे ने बताया कि बच्चों व बुजुर्ग को उनके उपयोग की सामग्री दान दें। ठंडे पानी की व्यवस्था करें। पशु पक्षियों व गायों के लिए चारा, दाना, पानी की व्यवस्था करें। गरीब युवती को सुहाग का सामान दान करें। मंदिर के पुजारी व किसी सात्विक, पवित्र आचरण वाले ब्राह्मण को यथाशक्ति दान दें। व्रत का पारण एक जून को सुबह 5:25 से सुबह 08:00 के बीच करना उत्तम है।
डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.