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कोर्ट-कचहरी की बजाए पंच व्यवस्था से पारिवारिक विवादों को सुलझाने का होगा प्रयास

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ग्वालियर। पति-पत्नी, सास-ससुर व नंद-भाभी के रिश्तों में आई खटास कोर्ट व कचहरी व थाने की दहलीज तक नहीं पहुंचे। इसके लिए अग्रवाल समाज पंच व्यवस्था बनाकर नई पहल करने जा रहा है। अग्रवैश्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन समिति ने अंचल के 21 लोगों की कमेटी बनाकर घर के विवादों को दोनों पक्षों से संवाद कर सुलझाने का प्रयास करेगी। देखने में आया है कि छोटे-छोटे विवाद तलाक तक पहुंच जाते हैं और कई बार गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। इसके साथ ही समाज बंधु के बीच लेन-देन संबंधी विवाद भी यह पंच मिल बैठकर सुलझाने का प्रयास करेंगे। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश ऐरन ने बताया कि इस कमेटी के लिए कुछ प्रबुद्धजनों को चिह्नित किया गया है, इनसे सहमति लेने के बाद 22 मई को होने वाले परिचय सम्मेलन में इसकी घोषणा की जाएगी।

पंच व्यवस्था नई नहीं है

देश की न्याय व्यवस्था पहले पंचों पर ही आधारित थी। बड़े से बड़े विवाद पंचों के माध्यम से सुलझा लिए जाते थे। अग्रवैश्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन समिति रिश्ते जोड़ने के लिए 100 युवक-युवती परिचय सम्मेलनों का आयोजन अंचल के अलावा पं-बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कर चुकी है। अब यह समिति रिश्ते जोड़ने के साथ रिश्ते बचाने का प्रयास करने की भी पहल करेगी।

छोटी-छोटी बातों से उपजे विवाद तलाक तक पहुंच जाते हैं

भागदौड़ भरी जिदंगी में रिश्तों में मधुरता बनाए रखना और परिवार रूपी भारतीय समाज की पूंजी को बचाए रखने की आज सबसे बड़ी चुनौती है। राजेश ऐरन ने बताया कि पंच व्यवस्था कोई नई नहीं है। इससे पहले सभी समाजों में पारिवारिक विवादों का निपटारा पंचों के माध्यम से किया जाता था। इसी व्यवस्था को प्रयोग के तौर पर फिर से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।

21 सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी

पारिवारिक विवादों को निपटारे के लिए 21 सदस्यीय कमेटी बनाने पर विचार किया जा रहा है। हर तहसील के इस कमेटी में समाज के प्रबुद्ध व्यक्ति को शामिल किया गया है। इस कमेटी पर कोई विवाद आने पर नजदीकी लोगों को जोड़कर दोनों पक्षों से संवाद कर इस तरह के विवादों का निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाकर दोनों पक्ष परेशान होते हैं। पैसा और समय की बर्बादी के साथ उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण रिश्ते में दरार पड़ जाती है। जबकि दोनों पक्षों के रिश्तेदार एक साथ बैठकर समस्या का समाधान कर सकते हैं।

व्यापारिक लेन-देन के विवाद भी सुलझाएगी

वैश्य समाज व्यापार क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। व्यापारिक लेन-देन भी कई बार गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। इन विवादों के निपटारे का प्रयास मिल बैठकर करेगी। यह कमेटी किस तरीके से कार्य करेगी, इसकी रूप रेखा समाजजनों द्वारा 22 मई को होने वाले सम्मेलन में तय की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि पारिवारिक विवाद सार्वजनिक नहीं किए जाएं।

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