पुरातन वाटर हार्वेस्टिंग का अद्भुद नमूना है गीदगढ़ गुफा का कुंड
प्राचीन जलस्रोतों को आज सहेजने और संरक्षण की जरूरत
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
दीवानगंज से 5 किलोमीटर भोपाल तरफ गीदगढ़ की गुफा प्रसिद्ध है वैसे तो आपने कई चमत्कारी जगह के बारे में सुना होगा और देखा भी होगा। मगर हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी एक अलग ही पहचान है। भोपाल से लगे हुए रायसेन जिले के सांची जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम गीदगढ़ के घने जंगलों के बीच पहाड़ी के पास एक ऐसा प्राचीन और प्राकृतिक कुंड है जिसमें 12 महीने पानी भरा रहता है
बड़ा सवाल यह है कि आज के समय में जहां वाटर लेवल डाउन होता जा रहा है ऐसे में महज 20 फुट गहरे कुंड में वर्ष भर पानी कैसे रहता है क्या यह वाटर हार्वेस्टिंग की कोई तकनीक है जिससे साल भर इस कुंड में पानी बचा रहता है । जब क्षेत्र के आसपास के ट्यूबवेल, कुआं, तालाब सूख जाते हैं उस वक्त भी इस कुंड का पानी कभी भी खत्म नहीं होता है। प्राकृतिक कुंड की गहराई मात्र 20 फीट है
इस प्राकृतिक कुंड से ऊपर पहाड़ पर एक गुफा है गुफा के अंदर शंकर जी का एक प्राचीन मंदिर है इस गुफा मंदिर की यह भी मान्यता है कि यहां पर कई वर्ष पहले एक मोनी बाबा रहते थे जो इस गुफा के अंदर से ही एक सुरंग थी जिससे वह होशंगाबाद जाते थे और नर्मदा जी में स्नान करके वापस आते थे। और वहीं से पानी लाते थे और यहां पर मंदिर में शंकर जी को नहलाते थे। इस स्थान पर साल में एक बार मेला भरता है और एक बार यहां पर गांव वाले भंडारा भी कराते हैं। इस कुंड के पास गांव के लोगों ने एक मंदिर भी बना दिया है। यहां पर काफी तादाद में लोग आते हैं। और इस कुंड के पानी से ही वह लोग अपनी प्यास बुझाते हैं। यहां पर ऐसी भी मान्यता है कि कुंड का पानी पीने से रोग भी दूर हो जाते हैं।
मंदिर में रहने वाले पुजारी चरणदास बताते हैं की मैं 28 साल से यहां पर हूं मैंने आज तक इस कुंड को कभी खाली नहीं देखा है। यह कुंड प्राकृतिक और प्राचीन है। यहां पर किसी को भी पता नहीं कि यह कितना पुराना है। प्राचीन और प्राकृतिक कुंड के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह कुंड का कनेक्शन नर्मदा जी से है। कुंड में पानी नर्मदा जी से आता है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह शोध का विषय है। मगर कुछ तो चमत्कार है जो पहाड़ी के किनारे जंगलों के बीचो बीच में सिर्फ 20 फीट गहरे प्राकृतिक कुंड में हमेशा पानी रहता है तब जब गर्मी के मौसम में क्षेत्र के 300 फीट तक के बोरवेल फेल हो जाते हैं ।