इंदौर। एमएसपी पर जारी गेहूं उपार्जन के लिए केंद्र पर समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण सहकारी संस्था के समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। एक किसान ने वाट्सएप ग्रुपों पर परेशानी साझा की थी। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने अधिकारियों को मामले में शिकायत की थी। दूसरी ओर किसान मोर्चा ने प्रदूषण रोकने के लिए नरवाई जलाने के खिलाफ प्रशासन द्वारा जारी आदेश का ही विरोध शुरू कर दिया है।
शासन ने आदेश दिया था कि भीषण गर्मी के दौर में सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं बेचने आ रहे किसानों के लिए पेयजल से लेकर बैठने और छाया की व्यवस्था की जाए। संयुक्त किसान मोर्चा ने विभिन्न सहकारी समिति के गेहूं खरीदी केंद्रों पर किसानों के लिए पानी, बैठने और छाया की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी इंदौर कलेक्टर को दी थी तथा कार्यवाही की मांग की थी। इसी शिकायत के बाद बीते दिनों वाट्सएप ग्रुपों और अधिकारियों को अटाहेड़ा सेवा सहकारी संस्था के खरीद केंद्र की तस्वीरें भेज दी गई थी। वहां व्यवस्था नहीं होने और किसानों की परेशानी के लिए समिति प्रबंधक संतोष पटेल की शिकायत की गई थी। शिकायत के बाद लीड बैंक इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के प्रशासकीय अधिकारी ने लापरवाही बरतने वाले अटा हेड़ा सेवा सहकारी संस्था के समिति प्रबंधक संतोष पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
नरवाई तो जलाएंगे
वायु प्रदूषण रोकने के लिए गेहूं की कटाई के बाद नरवाई जलाने के विरुद्ध दिए शासकीय आदेश का भी किसान मोर्चा ने विरोध शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपर मुख्य सचिव किसान कल्याण के उन निर्देशों पर भी रोष जाहिर किया है जिसमें गेहूं कटाई के बाद नरवाई जलाने पर किसानों के ऊपर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के आदेश प्रसारित हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के इन आदेशों के पालनार्थ इंदौर कलेक्टर ने जिले के सभी तहसीलदारों और अनुविभागीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि नरवाई जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनके इस आदेश से किसानों में रोष है।
मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि परंपरागत रूप से फसल कटाई के बाद अगली बोवनी की तैयारी के लिए किसान नरवाई जलाता है। किसान कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में भी नरवाई जलाने के खिलाफ जो दंड की कार्रवाई किए जाने का प्रावधान किया गया था उसको लेकर भी किसानों का विरोध था और सरकार ने इसे वापस लिया था। संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि वह नरवाई जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के अपने आदेश को तत्काल वापस ले। अन्यथा किसान मोर्चा अन्य किसान संगठनों के साथ संयुक्त रूप से आंदोलन करने को बाध्य होगा।
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