हौंसला औऱ आत्मविश्वास की कर रहीं है मिसाल कायम
धीरज जॉनसन दमोह
दमोह शहर से 80 किमी दूर ग्राम तारादेही में घर है यहां तक बस से सफर कर आना पड़ता है घर पर सारी मदद मम्मी करती है छोटी उम्र से ही पैर से लिखना शुरू कर दिया था पर परीक्षा के दौरान लिखने में छोटी बहन सहायता करती है क्योकि जल्दी लिखना पड़ता है। अभी तक कोई विशेष सुविधा तो नहीं मिली फिर भी पढ़ाई कर शिक्षक बनने की इच्छा है।
यह कहना था दुर्गा लोधी का,जो शहर के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से राजनीति शास्त्र विषय से एम ए कर रही है और शनिवार को मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने आई थी,जिन्होंने दिव्यांगता के बाद भी हार नहीं मानी और पूरे आत्मविश्वास के साथ समाज का सहयोग करने को तैयार भी है। दुर्गा ने बताया कि उनके पिता कृषक और माँ ग्रहणी है
सात भाई बहनों में वे परिवार की छटवीं संतान है और छोटी बहन यात्रा के दौरान उनके साथ रहती है बड़ों की शादी हो चुकी है।प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने की बहुत इच्छा है पर गांव में कोचिंग की सुविधा नहीं है और शहर तक आना काफी मुश्किल होता है जो पुस्तकें घर पर है उससे ही अध्ययन करते है।
वर्तमान समय में जबकि युवा वर्ग तनाव, नशे,अवसाद इत्यादि से ग्रसित है और कुछ इस तरह के कदम भी उठा लेता है जिसका परिणाम नकारात्मक होता है ऐसे समय में छात्रा का हौंसला समाज को एक बेहतर संदेश दे रहा है।
न्यूज स्रोत: धीरज जॉनसन