विदिशा भोपाल हाईवे के घोड़ा पछाड़ नदी पुल की रेलिंग जगह-जगह से टूटी, राहगीरों की जान से किया जा रहा है खिलवाड़
विदिशा भोपाल हाईवे के घोड़ा पछाड़ नदी पुल की रेलिंग जगह-जगह से टूटी, राहगीरों की जान से किया जा रहा है खिलवाड
-इस टूटी हुई रेलिंग के जर्जर पुल से प्रतिदिन निकलते हैं हज़ारों वाहन
-यात्रियों व आम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं ज़िम्मेदार अफसर
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की विशेष रिपोर्ट।
रायसेन जिले के सलामतपुर कस्बे के पास घोड़ापछाड़ नदी पुल की टूटी हुई रेलिंग की मरम्मत नही करके हज़ारों लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह पुल भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे 18 के मुख्यमार्ग पर स्थित है। जो कई साल पुराना बताया जाता है। इस पुल की रेलिंग जगह-जगह से टूट गई है। और रेलिंग का हिस्सा भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिम्मेदारों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि रोजाना इस पुल पर से हजारों वाहन गुजरते हैं। इसी रास्ते से होकर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सहित कई वीआईपी होकर गुजरते हैं।लगभग सौ वर्षों से भी अधिक पुराने पुल की रेलिंग जगह जगह से टूट चुकी है।और बड़ी मात्रा में रेलिंग क्षतिग्रस्त भी हो चुकी है। जब इस पुल पर से कोई भारी वाहन गुजरता है तो पुल पूरा कांपने लगता है। इस पुल पर से होकर भोपाल से विदिशा, सागर, बीना, उत्तर प्रदेश और विदिशा से भोपाल को जाने वाली यात्री बसें सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन गुजरती हैं। कभी भी कोई बड़ी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। एमपीआरडीसी द्वारा इसकी मरम्मत नही करके यहां से गुजरने वाले राहगीरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने शासन प्रशासन से मांग करी है कि शीघ्र ही इस पुल की मरम्मत की जाए नही तो लोग आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
इनका कहना है।
भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के मुक्तापुर गांव के पास स्तिथ घोडापछाड़ पुल की रेलिंग तो छतिग्रस्त हो ही गई है। इसके अलावा पुल भी काफी जर्जर हो चुका है। ज़िम्मेदार अफसर इस और ध्यान नही देकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि इसी पुल से गुज़रकर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी विदिशा जाते रहते हैं।
मूलचंद यादव, प्रधान ग्रा.पं. सलामतपुर।
में सलामतपुर से प्रतिदिन भोपाल अपडाउन करता हूँ। जब भोपाल विदिशा हाइवे के खोड़ापछाड पुल से निकलता हूं तो यहां से निकलने में जान का खतरा लगता है। क्योंकि पुल की रेलिंग काफी समय से टूटी हुई पड़ी है। कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। लेकिन शिकायतों के बाद भी अफसर कुम्भकरण की नींद में सोए हुए हैं।
साजिद खान रानू, सलामतपुर।