नई दिल्ली। कोविड महामारी के कारण रोक के बाद निर्वाचन आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीति दलों के प्रदर्शन के आधार पर उनके दर्जे को लेकर समीक्षा करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है।
इसके तहत उसने आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों में से दो दलों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का पक्ष सुना। इन दोनों दलों को फिलहाल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है।
कोविड-19 के चलते आयोग ने राजनीतिक दलों के दर्जे की समीक्षा पर रोक लगा दिया था। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को भी बुलाया गया था। तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर राय से जब सवाल किया गया कि क्या उन्होंने गुरुवार को आयोग के सामने अपनी पार्टी का पक्ष रखा तो उन्होंने इसका जवाब ना में दिया। निर्वाचन आयोग ने इन दो राष्ट्रीय दलों के साथ ही चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 6ए, बी और सी के आधार पर छह मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों का पक्ष भी सुना।
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और राकांपा को नोटिस जारी कर पूछा था कि चुनाव नतीजों के आधार पर उनके दर्जे को कम क्यों नहीं कर दिया जाए। हालांकि कोरोना महामारी के चलते यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। बीते वर्ष नवंबर में आयोग ने इस प्रक्रिया को फिर से शुरू किया। मंगलवार को राकांपा और भाकपा के जवाब सुने। आयोग के सूत्रों का कहना है कि तृणमूल को उसका पक्ष जानने के लिए बुलाया गया था।
भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा, यह नियमित रूप से होने वाली प्रक्रिया है। हमने आयोग के समक्ष यह लिखित प्रतिवेदन दिया है कि हम सबसे पुरानी पार्टी हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेते रहे हैं, केरल में सरकार बनाई है और कई राज्यों में गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं। राकांपा के एक प्रतिनिधि ने आयोग के अधिकारियों के समक्ष विवरण प्रस्तुत किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने निर्वाचन आयोग के नोटिस को नियमित विषय करार दिया।
इससे पहले आयोग ने छह क्षेत्रीय दलों- भारत राष्ट्र समिति, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस, राष्ट्रीय लोक दल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस, पट्टाली मक्कल काची और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का पक्ष सुना था। राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त पार्टी सभी लोकसभा सीटों और विधानसभा चुनावों में एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकती है और उसे अधिक स्टार प्रचारक रखने का मौका भी मिलता है।
बता दें कि भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस, टीएमसी, राकांपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं, जबकि 50 से अधिक मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टियां हैं। देव कश्यप
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