सागर। नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर नवनिर्मित प्रसिद्ध जैन सर्वोदय तीर्थक्षेत्र अमरकंटक में पंचकल्याणक गजरथ महा महोत्सव का आयोजन दिगंबर संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आगामी 25 मार्च से 2 अप्रैल तक होंगे। प्रतिष्ठाचार्य वाणी भूषण बाल ब्रह्मचारी विनय भैया बंडा होंगे।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य श्री का ससंघ विहार प्रसिद्ध जैन तीर्थक्षेत्र चंद्रगिरी डोंगरगढ़ से अमरकंटक की ओर चल रहा है। 27 फरवरी से अब तक गुरुदेव लगभग 86 किलोमीटर बिहार कर चुके हैं। 8 मार्च को कवर्धा पहुंचने की संभावना है। कवर्धा से अमरकंटक की दूरी लगभग 152 किमी शेष है। संभावना है कि 21 मार्च तक आचार्य संघ का मंगल प्रवेश अमरकंटक में हो सकता है। अमरकंटक में पत्थर का एक विशाल मंदिर जिसमें मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान की अष्टधातु की प्रतिमा विराजमान हो चुकी है सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण पूरा हो चुका है इसमें 1008 प्रतिमाएं विराजमान होना है लंबे समय से इस तीर्थक्षेत्र का निर्माण कार्य चल रहा है तीर्थक्षेत्र कमेटी ने पंचकल्याणक से संदर्भित सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं और आचार्य संघ के पहुंचने के बाद कार्य में और तेजी आ जाएगी। आचार्य संघ के पहुंचने पर प्रमुख पात्रों का चयन होगा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित इस तीर्थक्षेत्र के पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव में दोनों राज्यों के हजारों श्रद्धालु पहुंचकर धर्म लाभ लेंगे। गजरथ फेरी 1 अप्रैल को होगी। और 2 अप्रैल को आदिनाथ भगवान का प्रथम महामस्तकाभिषेक का कार्यक्रम होगा।
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