भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार चाइल्ड बजट की तरह अब युवा बजट लाएगी। इसको लेकर युवाओं से सुझाव लिए जा रहे हैं और अलग-अलग स्तर पर चर्चा भी की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भी युवाओं से बजट पर चर्चा करेंगे। मध्य प्रदेश अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्तमान में सरकार युवा नीति तैयार कर रही है।
20 फरवरी को सीएम युवाओं को करेंगे संबोधित
आगामी 20 फरवरी को भोपाल के जंबूरी मैदान में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान युवाओं को संबोधित करेंगे और इसी कार्यक्रम में युवा नीति लाई जाएगी। इसके अलावा युवा बजट को लेकर अधिकारियों से विचार विमर्श किया जा रहा है। अलग-अलग कार्यक्रम कर युवाओं से चर्चा करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इनमें अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत विषय विशेषज्ञ युवाओं को प्राथमिकता में रखा गया है।
युवाओं से जुड़े विभागों में रखा जाएगा स्पेशल बजट
इस वर्ष मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं के विकास पर बार-बार जोर दे चुके हैं। इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं पर फोकस करते हुए बजट तैयार करने के निर्देश दिए हैं और युवाओं के लिए अलग से बजट बनाने को कहा है। वित्त विभाग भी विभागों की ऐसी योजनाओं में विशेष बजट का प्रविधान कर रहा है, जिससे युवा वर्ग सीधे लाभाविंत हो सकें।
पिछले वर्ष बजट पूर्व चर्चा के आए थे सकारात्मक परिणाम
वर्ष 2022-23 के वित्तीय बजट पूर्व चर्चा के सकारात्मक परिणाम मिल चुके हैं। चर्चा में मिले सुझावों के आधार पर चाइल्ड बजट, पूंजीगत व्यय में वृद्धि, पेसा नियम को लागू करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में समुचित बजट प्रावधान करने, सेमी कंडक्टकर कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन देने, पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए विशेष पैकेज देने, एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान देने और उद्योगों को समय पर इंसेंटिव का भुगतान करने जैसे विषय शामिल किए गए। चालू वित्तीय वर्ष में इसके परिणाम भी दिख रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री चौहान वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट तैयार करने से पहले इस बार युवाओं से बजट पर चर्चा कर उनके सुझाव लेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा युवाओं से बजट पर चर्चा की जानी है। इसकी तैयारी कर ली गई है, लेकिन अभी तिथि, समय और स्थान तय नहीं हुआ है। शासन स्तर पर तिथि और स्थान निर्धारित किया जाना है।
– लोकेश शर्मा, एडिशनल सीईओ, मप्र अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान
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