Let’s travel together.

घर मे वास्तु दोष के कारण हो सकती हैं ये बीमारियां

0 312

हम सभी सेहतमंद जीवन जीने के लिए तरह-तरह की कोशिश करते हैं। बाबजूद इसके कई बार ऐसा होता है कि कोई न कोई रोग आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को घेरे ही रहता है। डॉक्टर के चक्कर लगाने के बाद भी समस्या का हल समझ में नहीं आता। क्या आप जानते हैं कई बार आपके रोग का कारण आपके घर के वास्तु से होता है। घर में वास्तुदोष होने से वहां रहने वाले लोग बीमार पड़ सकते हैं। वास्तु के कुछ नियमों का ठीक ढंग से पालन किया जाए तो घर में रहने वाले सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं।

वास्तुशास्त्र में पूर्व तथा उत्तर दिशा का हल्का और नीचा होना तथा दक्षिण व पश्चिम दिशा का भारी व ऊंचा होना अच्छा माना गया है। यदि पूर्व दिशा में भारी निर्माण हो तथा पश्चिम दिशा एकदम खाली व निर्माण रहित हो तो अनिद्रा का शिकार होना पड़ सकता है। उत्तर दिशा में भारी निर्माण हो परन्तु दक्षिण और पश्चिम दिशा निर्माण रहित हो तो भी ऐसी स्थिति उत्त्पन्न होती है। अनिद्रा से आपको कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं तो इस वास्तु का ध्यान रखकर आप स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
गृहस्वामी अग्निकोण या वायव्य कोण में शयन करें या उत्तर में सिर व दक्षिण में पैर करके सोए तब भी अनिद्रा या बेचैनी, सिरदर्द और चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है, जिसके कारण दिन भर थकान की समस्या हो सकती है। धन आगमन और स्वास्थ्य की दृष्टि से दक्षिण या पूर्व की ओर पैर करना अच्छा माना गया है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार या हल्की चाहरदीवारी अथवा खाली जगह होना शुभ नहीं है। ऐसा होने से हार्ट अटैक, लकवा हड्डी एवं स्नायु रोग संभव हैं। अतः यहां प्रवेश द्वार या खाली जगह छोड़ने से बचना चाहिए।

रसोई घर में भोजन बनाते समय यदि गृहणी का मुख दक्षिण दिशा की ओर है तो त्वचा एवं हड्डी के रोग हो सकते हैं। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन पकाने से पैरों में दर्द की संभावना भी बनती है। इसी तरह पश्चिम की ओर मुख करके खाना पकने से आंख, नाक, कान एवं गले की समस्याएं हो सकती है। पूर्व दिशा की ओर चेहरा करके रसोई में भोजन बनाना स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
दीवारों पर रंग-रोगन भी ध्यान से करवाना चाहिए। काला या गहरा नीला रंग वायु रोग, पेट में गैस, हाथ-पैरों में दर्द, नारंगी या पीला रंग ब्लड प्रेशर, गहरा लाल रंग रक्त विकार या दुर्घटना का कारण बन सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर दिशा के अनुरूप हल्के एवं सात्विक रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, ध्यान रहे कि आपके भवन की दीवारें एकदम सही सलामत हों, उनमें कहीं भी दरार या रंग रोगन उड़ा हुआ या फिर दाग-धब्बे आदि न हों वरना वहां रहने वालों में जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द, सायटिका जैसे समस्याएं हो सकती हैं।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.

भाजपा रायसेन जिले के 21 मंडलों में अध्यक्षों की सर्वसम्मति से नियुक्ति     |     समाज में सकारात्मक नेतृत्व विकसित करना जन अभियान परिषद का उद्देश्य : मोहन नागर     |     मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतने पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने 06 बीएलओ को किया निलंबित     |     पुलिस ने रात्रि पेट्रोलिंग के दौरान पृथक पृथक स्थान से अवैध शराब संग्रह एवं तस्करी कर रहे 3 को किया गिरफ्तार     |     मतदाता सूचियों में गड़बड़ी पर भड़की पूर्व राज्यसभा सदस्य     |     स्वर्गीय श्री भैयालाल जी शुक्ल की स्मृति में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने किया शुभारंभ     |     कांग्रेस विधायक और सीईओ में फोन पर हो गई तू-तू में-में, कलेक्टर ने कराया समझौता     |     3: 50 किलोमीटर दीवानगंज की सड़क पर ठेकेदार ने डामरीकरण का कार्य किया चालू     |     दीवानगंज पुलिस और ग्रामीणों द्वारा रेडियम पट्टी ट्रालियों पर लगाई गई     |     जान जोखिम में डाल रेल की पटरिया पार कर लाते हे पीने के लिए पानी     |    

Don`t copy text!
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9425036811