तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की लोकप्रियता केरल में सभी वर्गों के लोगों में है। वह सामाजिक समूहों में भी सबसे अधिक मांग वाले नेता हैं लेकिन राज्य कांग्रेस के दूसरे शीर्ष नेताओं को उनकी लोकप्रियता हजाम नहीं रही है। वहीं अब कांग्रेस को बचाने थरूर को बुलाने की मांग बढ़ रही है। जब से वह मलिकार्जुन खड़गे से हारकर दिल्ली से लौटे तब कई विरोधियों को उम्मीद थी कि थरूर जल्दबाजी में पीछे हट जाएंगे लेकिन वे गलत थे। क्योंकि केरल में उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है। जब थरूर राज्य भर के धार्मिक और सामाजिक नेताओं को बुलाने आए तब उनका जोरदार स्वागत हुआ।
थरूर की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि उन्हें एशिया के सबसे बड़े ईसाई सम्मेलन में बोलना है जो अगले महीने पठानमथिट्टा जिले के मारामोन में आयोजित किया जाएगा जो प्रभावशाली सीरियाई मार थोमा चर्च द्वारा आयोजित किया जाता है।
एक समीक्षक ने कहा कि यहां के लोगों द्वारा अब जिस तरह से राजनीति को देखा जा रहा है उसमें बदलाव आया है। इसकारण थरूर की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसलिए थरुर जहां भी जाते हैं वहां भारी भीड़ दिखती हैं जबकि पारंपरिक कांग्रेसी नेता ओमन चांडी को छोड़कर कोई भी लोगों को आकर्षित करने में सक्षम नहीं है।
थरूर की लोकप्रियता को देख विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन उनके पूर्ववर्ती रमेश चेन्नीथला प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन जैसे कांग्रेस नेताओं को इस बात का डर सताने लगा है कि इससे उनका नुकसान होगा और अगर वे अपने कार्ड अच्छी तरह से नहीं खेलते हैं तब चीजें बिगड़ सकती हैं।
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