ओंकारेश्वर पहुंची केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, घाट पर गंदगी और प्लास्टिक डोने-पॉलिथीन देख भड़कीं, खुद की सफाई
खंडवा: मध्यप्रदेश के इंदौर में चल रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले अतिथि भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शन करने खंडवा की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर भी पहुंच रहे हैं। रविवार को केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी ओंकारेश्वर पहुंचकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। राज्यमंत्री नर्मदा के घाटों पर गंदगी और प्लास्टिक देखकर भड़क गई। उन्होंने तुरंत नगर पंचायत सीएमओ और तहसीलदार को निर्देश दिए कि घाटों पर प्लास्टिक की वस्तुएं और प्लास्टिक के दोने बिकना बंद करवाएं। उसकी जगह पर पत्तों से तैयार किए गए दोनों का इस्तेमाल किया जाए। केंद्रीय मंत्री लेखी ने घाट पर खुद से सफाई भी की।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने इंदौर आई केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को ओमकारेश्वर पहुंचकर भगवान शिव की नगरी और मां नर्मदा के दर्शन किए। विदेश राज्यमंत्री लेखी ने यहां की व्यवस्थाओं का भी जायज़ा लिया। साथ ही उन्होने पर्यवरण संरक्षण के लिए पॉलीथीन और रासायनिक रंगों का उपयोग प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए। दरअसल जब विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी घाटों का दौरा कर रही थी, उस दौरान उन्होंने देखा कि घाट पर लोग मां नर्मदा में प्लास्टिक के दोनों में दीप जलाकर अर्पण कर रहे थे, साथ ही घाट पर पॉलिथीन भी पड़ी हुई थी, जिसे देखकर वे नाराज हो गई और उन्होंने तुरंत नगर पंचायत सीएमओ और तहसीलदार को प्लास्टिक बैन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दोनों पर रोक लगाई जाए और उसके स्थान पर पेड़ की पत्तियों से तैयार किए गए दोने बेचे जाएं और उन्हीं में दीप जलाकर मां नर्मदा में अर्पण किए जाए।
केंद्रीय राज्यमंत्री लेखी ने दर्शन उपरांत नौकाविहार भी किया। जानकारी के अनुसाद ओंकारेश्वर में शनिवार से प्रवासी भारतीय अलग-अलग समूह में आ रहे हैं। दो दिनों में 80 से अधिक प्रवासी दर्शन कर चुके हैं। अतिथियों की आगवानी और दर्शन के लिए प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रवासी अतिथियों को भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का चित्र स्मृति स्वरूप के साथ दुपट्टा भेंट कर स्वागत किया जा रहा है। रविवार को विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी सहित बड़ी संख्या में अतिथियों का आगमन हुआ। उन्हें नर्मदा में नौका विहार भी करवाया गया। उन्होंने दर्शन व्यवस्था और यहां के प्राकृतिक सौदर्य की प्रशंसा की। मंदिर में प्रसादी और फूल आदि सामग्री पालीथीन में लाने पर प्रतिबंध के अलावा उन्होने मां नर्मदा को निर्मल रखने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि रासायनिक रंगों का उपयोग न हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए।
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