इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के समक्ष गत दिवस शनिवार को आयोजित एक समारोह में आठ विभिन्न चरमपंथी संगठनों के 43 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला भी शामिल है। कुल 43 में केवाईकेएल के 13 केसीपी के 11 पीएलए-आरपीएफ केसीपी-एन और यूएनएलएफ के 5-5 पीआरईपीएके (पीआरओ) के 2 और पीआरईपीएके और एनएससीएन-यू के एक-एक कैडर शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों ने 19 एके सीरीज की राइफलें पिस्तौलें हथगोले आईईडी और जिंदा गोला-बारूद सहित हथियार और विस्फोटक जमा किए हैं। पुलिस महानिदेशक पी डोंगल ने कहा कि 43 उग्रवादियों के आत्मसमर्पण के साथ ही विभिन्न संगठनों के 644 जीवन की मुख्यधारा में वापस आ गए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादियों के आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना-2018 के तहत पुनर्वास लाभ प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि एक समृद्ध और शांतिपूर्ण मणिपुर के निर्माण के लिए समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और जातीय सद्भाव समय की आवश्यकता है। सुरक्षा बलों और नागरिक समाज के सामूहिक प्रयासों से ड्रग्स के खिलाफ युद्ध मणिपुर को नशामुक्त राज्य बनाने में सफल होगा। उग्रवादियों के आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास के लिए गृह मंत्रालय की संशोधित योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक उग्रवादी को 4 लाख रुपये का एकमुश्त वित्तीय अनुदान प्रदान किया गया है। राशि को बैंक में उनके नाम पर सावधि जमा के रूप में तीन वर्ष की अवधि के लिए रखा जाएगा। आत्मसमर्पण करने वाला उग्रवादी तीन साल तक पुनर्वास शिविर में रहेंगे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.