–10 वर्षों से ग्रामीण पानी के लिए हैं परेशान, 300 रुपए देकर निजी ट्यूबबेल से भर रहे पानी
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम केमखेड़ी घोड़ाचौक के ग्रामवासी पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं। इस भीषण ठंड में भी एक-एक कुप्पा पीने के पानी के लिए महिलाओं को पसीना बहाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक भी हैंडपंप नहीं है। वे निजी ट्यूबवेल पर भारी-भरकम शुल्क देकर लंबी लंबी लाइनों में लगकर पानी भरकर लाते हैं। वहीं पानी भरने को लेकर ग्रामीणों में रोज लड़ाइयां होती हैं। 65 वर्षीय वृद्ध महिला यशोदी बाई ने बताया कि गांव में एक भी हैंडपंप नहीं है। इसलिए उन्हें निजी ट्यूबवेल से 300 रुपए महीने के शुल्क देकर पानी भरना पड़ रहा है। उस पर भी भीड़ इकट्ठा हो जाती है और ग्रामीणों की आपस में लड़ाई होती है। करीबन 10 साल से ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। मगर पीएचई विभाग के जिम्मेदार द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां पर दिन भर पानी भरने के लिए महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों की कतार लगी रहती हैं। पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे यहां के लोगों का दिन भर पानी भरने में ही बीत जाता है ।जिससे वह मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं।
सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सांची जनपद के केमखेड़ी घोड़ाचोक गांव में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और कहीं कहीं तो लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को निजी ट्यूबबेल से महीने के तीन सौ रुपए देकर पीने का पानी भरना पड़ा रहा है।