सी एल गौर रायसेन
प्रति वर्ष की भांति इस बार भी शहर में निवास करने वाली भोजपुरी समाज के लगभग ढाई सौ परिवार के लोगों ने एकता एवं भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए चली आ रही प्राचीन परंपरा के अनुसार शहर के प्राचीन मिस्र तालाब किनारे डाला छठ का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया । इस मौके पर भोजपुरी समाज द्वारा नीलकंठ निर्जला व्रत रखकर भगवान सूर्य देव को अर्थ दिया गया । इस अवसर पर महिलाएं अपने अपने घर से पूजा की डलिया और पूजा थाल सजाकर तालाब किनारे लाइ थी जहां गन्ना के मंडप सजाया गए और हम धूप पूजा आरती के साथ डाला छठ का त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाया गया। भोजपुरी समाज के सभी परिवारों ने एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए उत्साह के साथ आतिशबाजी करते हुए जमकर पटाखे चलाएं महिलाओं ने छठ के मौके पर गीत गाकर त्यौहार की परंपरा के अनुसार पूजन किया ।
डूबते हुए सूरज के समय से लेकर देर शाम तक मिश्र तालाब पर भोजपुरी समाज के लोगों की खासी भीड़ भाड़ दिखाई दी समाज के सभी लोग नवीन वस्त्र धारण करते हुए समाज के बच्चे भी इस मौके पर खुश दिखाई दे रहे थे। और आतिशबाजी चलाते हुए पटाखों का आनंद भी ले रहे थे ज्ञात हो कि शहर में लगभग ढाई सौ परिवार भोजपुरी समाज के निवास करते हैं जो कि हर वर्ष दीपावली के पश्चात पढ़ने वाली डाला छठ के दिन मिश्र तालाब के किनारे त्यौहार को अति उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। इस मौके पर भोजपुरी समाज के बुजुर्ग लोगों का सम्मान करते हुए समाज के युवाओं ने आशीर्वाद लिया बड़ी संख्या में भोजपुरी समाज के लोग एकत्रित होकर डाला छठ के मौके पर त्योहार मनाने के लिए एकत्रित हुए सभी ने एक दूसरे को डाला छठ की शुभकामनाएं दी एवं भगवान सूर्य देव से प्रार्थना करते हुए सभी के परिवारों में सुख समृद्धि की कामना भी की गई।